ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोशल मीडिया पर डाला अपने इस्तीफे का लेटर, जानें सोनिया गांधी को क्या-क्या लिखा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 10, 2020 01:00 PM2020-03-10T13:00:47+5:302020-03-11T10:28:00+5:30
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे का पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. मध्य प्रदेश सियासी संकट में सिंधिया अहम किरदार बनकर उभरे हैं. उन्होंने लेटर में लिखा है कि अब नए रास्ते पर चलने का वक्त आ गया है.
मध्य प्रदेश में होली के दिन राजनीतिक भूचाल आया हुआ है। राज्य कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में एक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ज्योदिरादित्य सिंधिया ने अपने इस्तीफे का लेटर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शेयर किया है। इसमें इस्तीफे की तारीख 9 मार्च दिख रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के ऑफिस की तरफ से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के निवास पर भी इस्तीफे का लेटर भेजा चुका है। वहीं सिंधिया के इस्तीफे के खबर के बीच कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निकाल दिया है। इस बात की जानकारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का पूरा लेटर यहां पढ़ें
"पिछले 18 साल से कांग्रेस का प्राथमिक सदस्य रहने के बाद अब आगे बढ़ने का समय है। मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं। और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है।' आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूं। मुझे लग रहा है कि ऐसा करने में इस पार्टी के साथ सक्षम नहीं हूं। मुझे और मेरे कार्यकर्ता नई शुरुआत की ओर देख रहे हैं।
पत्र के अंत में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा है, मैं पार्टी के सभी साथियों का शुक्रिया करना अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे राष्ट्र की सेवा करने का अवसर दिया।"
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 10, 2020
चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पिता की तरह ही कम उम्र में राजनीति में आ गए थे। पिता के अचानक निधन के बाद 2002 में गुना सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा उप चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में लगातार वह इस सीट से सांसद बने। मनमोहन सिंह सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में उनके पुराने सहयोगी ने ही मात दी है।