महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान ने नागरिकता संशोधन बिल पास होने के विरोध में नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। आईपीएस अधिकारी अब्दुर रहमान का कहना है कि "सांप्रदायिक और असंवैधानिक" नागरिकता (संशोधन) विधेयक" के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए उन्होंने इस्तीफा दिया है। मुंबई में विशेष पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के रूप में तैनात अब्दुर रहमान ने बयान जारी कर कहा कि वह गुरुवार से कार्यालय नहीं जाएंगे। अब्दुर रहमान के इस्तीफा देने के बाद ट्विटर पर #IStandWithAbdurRahmanIPS ट्रेंड कर रहा है। इस ट्रेंड के साथ लोगों का कहना है कि वह आईपीएस अब्दुर रहमान के साथ खड़े हैं और उनको समर्थन देते हैं।
वहीं कुछ यूजर ने कहा है कि क्या यह सविनय अवज्ञा की शरुआत है। तो वहीं कुछ लोगों ने लिखा है कि ये गांधी का वक्त आ गया है। वहीं कुछ लोगों ने कहा है कि #IStandWithAbdurRahmanIPS के साथ ट्वीट व ट्रेंड अवश्य करें। कुछ लोगों का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल पर वह हमारे साथ खड़े थे तो क्या हमें भी उनके साथ खड़े नहीं होना चाहिए। बता दें कि 1930 में स्वतंत्रता पाने के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की गई है, जिसकी शुरुआत प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुई थी।
गौरतलब है कि राज्यसभा ने बुधवार (11 दिसंबर) को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले विधेयक को सोमवार को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी थी। अब्दुर रहमान ने कहा, "यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है। मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें। यह संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।"
अब्दुर रहमान ने ट्वीट कर क्या लिखा
अब्दुर रहमान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया, 'नागरिकता संशोधन बिल संविधान के मूल ढांचा के खिलाफ है। मैं इस बिल की मुखालफत करता हूं। मैंने सविनय अवज्ञा में कल से ऑफिस नहीं जाने का फैसला किया है। आखिरकार मैं अपनी सेवा से इस्तीफा दे रहा हूं।' अब्दुर रहमान ने अपने ट्वीट के साथ एक इस्तीफा भी पोस्ट किया था।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'मैंने वीआरएस के लिए एक अगस्त 2019 को आवेदन किया था। इसके बाद 25 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को मेरे वीआरएस की सिफारिश भेजी थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने स्वीकार नहीं किया।'