अनोखा स्कूल जहां फीस के लिए पैसे नहीं बल्कि बच्चे देते हैं प्लास्टिक का कचरा

By रजनीश | Published: May 8, 2019 01:13 PM2019-05-08T13:13:56+5:302019-05-08T13:13:56+5:30

इस स्कूल में बच्चों को सिंगिंग, डांसिग, सोलर पैनेलिंग, गार्डनिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग, कारपेंटर, कॉस्मेटोलॉजी, इलेक्ट्रोनिक्स और रिसाइक्लिंग जैसे व्यावसायिक कौशल की ट्रेनिंग भी दी जाती है...

Guwahati assam School Leads By Example, Accepts Plastic Waste As School Fees | अनोखा स्कूल जहां फीस के लिए पैसे नहीं बल्कि बच्चे देते हैं प्लास्टिक का कचरा

परमिता शर्मा और माजिन मुख्तर ने 2016 में इस स्कूल की शुरुआत की थी।

प्लास्टिक प्रदूषण आज दुनिया के लिए एक बड़ी मुसीबत बनकर उभरा है जिसकी ओर गंभीरता से सोचने और कदम उठाने की जरूरत है। इसी दिशा में गुवाहाटी के अक्षर स्कूल ने एक बेहतर प्रयास शुरू किया है। इस स्कूल में बच्चों से फीस  की जगह प्लास्टिक कचरा लिया जाता है।

स्कूल में बच्चों को शपथ दिलाई जाती है कि वे प्लास्टिक को जलाएंगे नहीं और उनसे इन्हें इकट्ठा करके फीस के रूप में ले लिया जाता है। हर बच्चे को सप्ताह में 10 से 20 प्लास्टिक की चीजें जमा करनी होती हैं। फिर इन्हें रिसाइकिल कर दूसरी चीजें बनाईं जाती हैं। इस स्कूल को बनाने में प्लास्टिक से ही बनीं ईको ब्रिक्स का इस्तेमाल किया गया है।

गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए  परमिता शर्मा और माजिन मुख्तर ने 2016 में इस स्कूल की शुरुआत की थी। यहां बच्चों को गणित, विज्ञान जैसे मूलभूत विषयों के अलावा पर्यावरण के लिए जागरूक किया जाता है।

बच्चों को यहां सिंगिंग, डांसिग, सोलर पैनेलिंग, गार्डनिंग, ऑर्गेनिक फार्मिंग, कारपेंटर, कॉस्मेटोलॉजी, इलेक्ट्रोनिक्स और रिसाइक्लिंग जैसे व्यावसायिक कौशल की ट्रेनिंग भी दी जाती है ताकि वे आगे चलकर अपनी आजीविका कमा सकें।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से खोला गया 'अक्षर' स्कूल का ये प्रयास अपने आप में अनोखा है। इस पहल की जितनी सराहना की जाए कम है।

Web Title: Guwahati assam School Leads By Example, Accepts Plastic Waste As School Fees

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