Fact Check: NRC से जोड़कर पेश की जा रही बच्चे को दूध पिला रही मां की तस्वीर, सच्चाई जान रह जाएंगे हैरान

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: December 28, 2019 09:33 IST2019-12-28T09:17:39+5:302019-12-28T09:33:18+5:30

बंगाली भाषा किए गए दावे का अनुवाद इस प्रकार है- ''पति और पत्नी दोनों बांग्लादेशी हैं। पत्नी मुसलमान है इसलिए वह एनआरसी के कारण अपने दिन डिटेंशन कैंप में गुजार रही है। पति हिंदू है और इसलिए सीएबी के कारण बख्शा गया लेकिन माता-पिता सुनिश्चित कर रहे हैं कि बच्चे को समय पर दूध मिले..।''

Fact Check: Viral Photo of Woman breastfeeding baby across fence is not from Indian detention camp | Fact Check: NRC से जोड़कर पेश की जा रही बच्चे को दूध पिला रही मां की तस्वीर, सच्चाई जान रह जाएंगे हैरान

Image Source: Facebook/Chotu Khan

Highlightsतस्वीर यह बताकर वायरल किया जा रहा है कि यह भारत के डिटेंशन सेंटर की है।तस्वीर मां को मुस्लिम और पिता को हिंदू बताया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डिटेंशन कैम्प की बात नकारे जाने के बाद सोशल मीडिया पर भावुक करने वाली एक तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर में एक मां लोहे की जाली के उस पर एक बच्चे को दूध पिलाती नजर आ रही है। बच्चे को उस पार खड़े एक शख्स ने गोद में लिया हुआ है। सोशल मीडिया पर तस्वीर को लेकर दावा किया गया है कि यह भारत के डिटेंशन कैंप की है। 

तस्वीर को छोटू खान नाम के फेसबुक यूजर पोस्ट किया था। यूजर तस्वीर पर लिखा- ''No More Concentration camps!'' बंगाली भाषा किए गए दावे का अनुवाद इस प्रकार है- ''पति और पत्नी दोनों बांग्लादेशी हैं। पत्नी मुसलमान है इसलिए वह एनआरसी के कारण अपने दिन डिटेंशन कैंप में गुजार रही है। पति हिंदू है और इसलिए सीएबी के कारण बख्शा गया लेकिन माता-पिता सुनिश्चित कर रहे हैं कि बच्चे को समय पर दूध मिले। छोटी कहानी का अंत। आने वाले दिनों में मोदी के अच्छे दिन के ऐसे और भी उदाहरण देखने को मिलेंगे। ”

Screengrab: Facebook/Chotu Khan
Screengrab: Facebook/Chotu Khan

इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, तस्वीर को लेकर किया गया दावा झूठा है। तस्वीर भारत की नहीं, बल्कि अर्जेंटीना के किसी स्थान की है। खबर के मुताबिक, तस्वीर अर्जेंटीना में खींची गई थी और पिछले छह वर्षों में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पोस्ट की जाती रही है। 

तस्वीर को "controappuntoblog.org" नाम के ब्लॉग में 13 जनवरी 2013 को अपलोड किया गया था। ब्लॉग में बताया गया था कि कहीं अर्जेंटीना में पुलिस ने कुछ समस्या के कारण लोगों को उनके पड़ोस में प्रवेश करने से रोक दिया था।

ब्लॉग में जगह का सही नाम नहीं बताया गया था। ब्लॉग पोस्ट में लिखा गया था, "युवा मां को वापस नहीं आने दिया जाता है और पिता और बच्चे को घेरे से बाहर नहीं जाने दिया जाता है।"

ब्लॉग में एक वीडियो भी अपलोड किया गया था, जिसमें लोग पुर्तगाली भाषा में बोलते दिखे। वीडियो दिखे एक पोस्टर पर लिखे शब्दों का अनुवाद करने पता चला कि उसमें लिखा था, ''यह हमारी हकीकत है।'' कई सोर्स पर छानबीन के बाद यह साबित हुआ कि तस्वीर भारत की नहीं है। कृपया सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही फर्जी पोस्ट के प्रति आगाह रहें।

Web Title: Fact Check: Viral Photo of Woman breastfeeding baby across fence is not from Indian detention camp

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