Fact Check: पीएम मोदी का घायल जवानों के साथ फोटो अस्पताल का नहीं है!, झूठे दावों पर भारतीय सेना ने दिया ये जवाब

By अनुराग आनंद | Published: July 4, 2020 08:11 PM2020-07-04T20:11:40+5:302020-07-04T20:11:40+5:30

लद्दाख के सैन्य अस्पताल में पीएम नरेंद्र मोदी के घायल जवानों से मिलने के फोटो लेकर सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे आरोपों पर भारतीय सेना ने जवाब दिया है।

Fact Check: PM Modi's photo with injured soldiers is not of hospital !, Indian army gave this answer on false claims | Fact Check: पीएम मोदी का घायल जवानों के साथ फोटो अस्पताल का नहीं है!, झूठे दावों पर भारतीय सेना ने दिया ये जवाब

लेह अस्पताल में घायल जवानों से मिलते पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Highlightsप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख का अचानक दौरा कर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में भारत की दृढ़ता का संकेत दिया।घायल जवानों के साथ मोदी के बातचीत संबंधी फोटो जारी किए जाने के बाद ट्विटर पर चिकित्सा केंद्र को लेकर कई लोगों ने टिप्पणियां की थीं।लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे फेक अस्पताल के आरोप को भारतीय सेना ने खारिज किया है।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीचीन व भारत सीमा पर जारी तनाव के बीच अचानक शुक्रवार को लद्दाख पहुंचे। इस दौरान न सिर्फ उन्होंने सेना के वरीय अधिकारियों से मिलकर हालात की जानकारी ली। बल्कि, गलवान घाटी में सीमा पर चीनी सेना के कायराने हमले में घायल हुए जवानों से भी उन्होंने मुलाकात की।

इसके बाद ही सोशल मीडिया पर घायल सेना से पीएम मोदी के मिलने के फोटो को साझा कर लोग कहने लगे कि यह अस्पताल नहीं है, बल्कि फोटो खिंचवाने के लिए घायल सेना के फेक अस्पताल में लाया गया है।

इसके अलावा, भी कई तरह की अफवाह सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किए जाने लगे। अब इस बारे में भारतीय सेना ने सफाई दी है। 

क्या है पूरा मामला-

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को लद्दाख का अचानक दौरा कर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में भारत की दृढ़ता का संकेत दिया था। मोदी ने उन जवानों से बातचीत की थी जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने जवानों से कहा कि उनकी बहादुरी आगामी समय में प्रेरणा स्रोत बनेगी।

घायल जवानों के साथ मोदी के बातचीत संबंधी फोटो जारी किए जाने के बाद ट्विटर पर चिकित्सा केंद्र को लेकर कई लोगों ने टिप्पणियां की थीं। लोगों ने ट्वीट किए थे कि यह अस्पताल की तरह नहीं दिखता, क्योंकि इसमें चिकित्सकीय उपकरण और सुविधाएं नहीं हैं। कई ने यह भी कहा था कि बेड के पास अस्पताल में आमतौर पर डस्टबीन रखे जाते हैं लेकिन यहां पर नहीं है। इसी तरह से कई तर्क देकर लोग सोशल मीडिया पर फेक अस्पताल साबित कर रहे थे।

भारतीय सेना ने लोगों के आरोप पर सफाई में ये कहा-

सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे इस आरोप पर थल सेना ने एक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बहादुर सशस्त्र बलों के उपचार संबंधी सुविधाओं को लेकर आक्षेप लगाए जा रहे हैं। सशस्त्र बल अपने बलों को सर्वश्रेष्ठ उपचार देता है। सेना के बयान को पीआईबी ने भी अपने वेबसाइट पर पब्लिश किया है। 

इसके अलावा, इस मामले में सेना ने कहा कि कुछ लोगों ने लेह स्थित जरनल अस्पताल के उस चिकित्सकीय केंद्र की स्थिति को लेकर दुर्भावनापूर्ण और निराधार आरोप लगाए हैं, जहां 3 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए थे। यह स्पष्ट किया जाता है कि 100 बिस्तरों वाला यह केंद्र संकट के समय क्षमता के विस्तार का हिस्सा है और यह जनरल अस्पताल परिसर का हिस्सा है।

यही नहीं सेना ने ये भी कहा कि इस कक्ष का इस्तेमाल आमतौर पर ऑडियो-विजुअल ट्रेनिंग हॉल के रूप में किया जाता था। जब से अस्पताल को कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए चिह्नित किया गया है, तब से इसे अस्पताल के वार्ड में बदल दिया गया है। ऐसा इसलिए ताकि घायल जवान कोरोना संक्रमित न हों।

Web Title: Fact Check: PM Modi's photo with injured soldiers is not of hospital !, Indian army gave this answer on false claims

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