मध्य प्रदेश राजनीतिक संकट के बीच चर्चा में आए कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार, जानें किस राज्य की मिली जिम्मेदारी
By निखिल वर्मा | Published: March 11, 2020 04:20 PM2020-03-11T16:20:44+5:302020-03-11T16:49:43+5:30
मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में ज्वाइन करने के बीच एक बार कांग्रेस के 'संकटमोचक' डीके शिवकुमार सुर्खियों में हैं. डीके शिवकुमार को कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि डीके शिवकुमार बेंगलुरू में कांग्रेस के बागी विधायकों से लगातार चर्चा कर रहे हैं.
41 साल पहले युवक कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत युवक कांग्रेस से करने वाले डीके शिवकुमार में सोशल मीडिया में कांग्रेस का ट्रबलशूटर कहा जाता है। 57 वर्षीय डीके शिवकुमार कई मौकों पर कांग्रेस पार्टी के संकटमोचक साबित हुए हैं। पिछले दो सालों मे उनका उभार कर्नाटक से निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में भी हुआ है। अब वह अपने राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कांग्रेस का एक जाना पहचाना नाम बन चुके हैं।
कांग्रेस ने दी कर्नाटक की जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच डीके शिवकुमार को कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की जारी विज्ञप्ति के अनुसार कर्नाटक में डीके शिवकुमार प्रदेश अध्यक्ष जबकि ईश्वर खांद्रे, सतीश जारकीहोली और सलीम अहमद को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है।
1989 में जीता पहला विधानसभा चुनाव
डीके शिवकुमार ने सिर्फ 26 साल की आयु में कांग्रेस के टिकट पर पहली जीत हासिल की थी। उनके भाई डीके सुरेश भी कांग्रेस पार्टी में हैं। डीके शिवकुमार अब तक सात बार विधायकी का चुनाव जीत चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में डीके सुरेश ने बेंगलुरु ग्रामीण क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार को दो लाख से ज्यादा मतों से हराया था।
कर्नाटक के सबसे अमीर नेताओं में शुमार हैं डीके शिवकुमार
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान डीके शिवकुमार ने चुनावी हलफनामे में 840 करोड़ रुपये संपत्ति बताई थी, जबकि उनके भाई डीके सुरेश ने लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव आयोग को दी जानकारी में अपनी संपत्ति 338 करोड़ रुपये बताई थी।
गुजरात राज्यसभा चुनाव के समय चर्चा में आए डीके शिवकुमार
गुजरात राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल को जिताने के चलते डीके शिवकुमार राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गए। उस समय कांग्रेस विधायकों को टूटने से बचाने के लिए 44 कांग्रेस विधायकों को गुजरात से कर्नाटक भेजा गया था। सभी विधायकों को डीके शिवकुमार के रिजार्ट में ठहराया गया था। हालांकि इससे पहले 2001-02 में डीके शिवकुमार पार्टी के लिए अपनी उपयोगिता साबित कर चुके हैं।
महाराष्ट्र में विलास राव देशमुख की सरकार भी जब संकट में थी, तब उन्होंने हालात संभाले थे। इसके अलावा कर्नाटक में आखिरी समय तक उन्होंने सरकार बचाने के कोशिश में लगे रहे लेकिन फ्लोर टेस्ट में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर ईडी ने किया गिरफ्तार
पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया, जहां उनसे मिलने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और अहमद पटेल भी पहुंचे थे।