कुंवारी लड़की अपने अंडाणु सुरक्षित रखने के लिए पहुंची अस्पताल, डॉक्टर ने कहा- 'शादी करो और जल्दी बच्चा होगा', लड़की ने कर दिया केस
By ज्ञानेश चौहान | Published: December 26, 2019 05:00 PM2019-12-26T17:00:07+5:302019-12-26T17:00:07+5:30
चीन की यह लड़की महिलाओं के अधिकारों के लिए सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहती हैं। उनका कहना है कि वो फिलहाल शादी या बच्चे के जन्म के बारे में बिलकुल नहीं सोच रही। बस विकल्पों को खुला रखना चाहती हैं, इसलिए ये निर्णय लिया।
दुनियाभर में ऐसा पहला मामला सामने आया है जब किसी कुंवारी लड़की ने अपने अंडाणु सुरक्षित रखने से रोकने वाले नियमों को अदालत में चुनौती दी है। चीन की 31 वर्षीय टेरेसा जू की यह खबर दुनियाभर में वायरल हो रही है।
टेरेसा जू का कहना है कि बीजिंग में एक अस्पताल ने पिछले साल उनके अंडाणु को सुरक्षित करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जू ने इस मामले को कानूनी रूप दे दिया। उन्होंने अदालत में इस नियम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित खबर के मुताबिक, टेरेसा जू ने बताया कि जब वे अस्पताल अपने अंडाणुओं को सुरक्षित रखने के लिए पहुंची, तो डॉक्टर ने उनसे कहा कि शादी करो, जल्दी बच्चा होगा। लेकिन जू को यह बात रास नहीं आई उन्होंने इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ने की ठान ली।
जू का कहना है कि "चीन में ऐसी कई युवा महिलाएं हैं जो देर से बच्चा पैदा करना चाहती हैं और उसके लिए वे अपने अंडाणु सुरक्षित करने की मांग कर रही हैं। महिला चाहे कुंवारी हो या शादीशुदा हर किसी को अपने अंडाणु सुरक्षित रखने का अधिकार होना चाहिए।
आपको बता दें कि टेरेसा जू महिलाओं के अधिकारों के लिए सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहती हैं। जू ने कहा, ''मैं फिलहाल शादी या बच्चे के जन्म के बारे में बिलकुल नहीं सोच रही। मैं बस विकल्पों को खुला रखना चाहती हूं। इसलिए मैंने ये निर्णय लिया था।''
जू का कहना है कि "अनुचित कानूनों के चलते अस्पताल अविवाहित महिलाओं को अपने अंडाणु सुरक्षित रखने से मना कर देते हैं।" चीन के नियमों की अगर बात करें तो यहां पर जब तक स्वास्थ्य से जुड़ा कोई कारण जैसे कैंसर न हो तब तक अविवाहित महिलाओं को अपने अंडाणु सुरक्षित करने की मनाही है।
अब बीजिंग की एक अदालत टेरेसा जू के मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई है। आपको बता दें कि यह मुकदमा करीब छह महीने पहले दर्ज कराया गया था। जू ने बताया कि इस बारे में उन्होंने सांसदों को भी लेटर लिखा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस तरह के प्रतिबंधों को हटा दिया जाएगा।