कब्र से जिंदा निकला दफना हुआ बच्चा, रोने की आ रही थी आवाज

By एस पी सिन्हा | Updated: June 27, 2018 18:30 IST2018-06-27T18:30:20+5:302018-06-27T18:30:20+5:30

घटना बिहार के गोपालगंज की है। डॉक्टर की सलाह के बाद परिजनों ने अपने गांव के बाहर खेत में बच्चे को दफन कर दिया था।

Bihar gopalganj child found alive in burial before doctors declared dead | कब्र से जिंदा निकला दफना हुआ बच्चा, रोने की आ रही थी आवाज

कब्र से जिंदा निकला दफना हुआ बच्चा, रोने की आ रही थी आवाज

पटना ,27 जून:  कहावत है "जाको राखे साईंयां, मार सके न कोय." बिहार के गोपालगंज में यह कहावत चरितार्थ होते-होते रह गई. गोपालगंज जिले में डॉक्टरों ने नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया और परिजनों ने जब बच्चे को मिट्टी में दफन कर दिया तब बच्चे की कब्र से रोने की आवाज आई. बच्चे के रोने की आवाज सुनकर परिजनों ने नवजात को कब्र से बाहर निकाला और उसे सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लेकर आये. लेकिन तब तक ज्यादा ब्लीडिंग होने की वजह से बच्चे की मौत हो गई.

घटना सदर अस्पताल सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड की है. मृतक बच्चे के पिता का नाम नीरज प्रसाद है. वे थावे के पिठौरी के रहने वाले हैं. नीरज की पत्नी दिव्या कुमारी को प्रसव के बाद उसके बच्चे को मंगलवार को सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया. यहां से आज ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर कृष्णा कुमार ने बच्चे को मृत घोषित करते हुए उसे दफन करने की सलाह दी.

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डॉक्टर की सलाह के बाद परिजनों ने अपने गांव के बाहर खेत में बच्चे को दफन कर दिया. दफन करने के बाद अचानक कब्र से बच्चे की रोने की आवाज सुनाई देने लगी जिसके बाद परिजनों ने आनन फानन में जल्दी से कब्र से मिट्टी हटाकर बच्चे को बाहर निकाला. मृतक बच्चे की नानी मधु देवी के मुताबिक जैसे ही उन्होंने अपने नाती को मिटटी के कब्र से बाहर निकाला. उसका धडकन चल रहा था और वह बच्चा रो रहा था. परिजनों के मुताबिक जैसे ही बच्चे को दोबारा सदर अस्पताल में लेकर आये. लेकिन यहां लगातार ब्लीडिंग होने की वजह से बच्चे की मौत हो गई. 


बच्चे की दादी उमरावती देवी ने बताया कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बच्चे की मौत हुई है. दोबारा मौत के बाद मृत बच्चे के परिजन उग्र हो गए और ड्यूटी पर मौजूद लापरवाह चिकित्सक डॉ कृष्णा कुमार के खिलाफ कारवाई की मांग करने लगे. आक्रोशित बच्चो के परिजनों को समझाने पहुचे सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार चौधरी को भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पडा. डॉ अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित नहीं किया था. ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को पीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया था. लेकिन परिजन उसे मृत समझकर वापस घर लेकर चले गए. सीएस ने कहा की जिन्दा दफन करने की बाद सही नहीं है. यह लोगों का भ्रम है. वहीं, बताया जा रहा है कि लोगों की भीड देख कर आरोपित डॉक्टर अस्पताल छोड कर फरार हो गया है.

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Web Title: Bihar gopalganj child found alive in burial before doctors declared dead

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