बिहार में बना एक और राज्य! नीतीश सरकार ने लगाया मिथिला राज्य का बोर्ड, जानें सबकुछ

By एस पी सिन्हा | Updated: February 23, 2022 14:58 IST2022-02-23T14:57:15+5:302022-02-23T14:58:15+5:30

पटना से दरभंगा जाने के रास्ते में दिख जाता है, जहां सड़क के किनारे बोर्ड लगाकर यह दर्शाया गया है कि ’मिथिला राज्य में आपका स्वागत है’.

Bihar Another state formed Nitish government imposed Mithila state board see jharkhand 2000 | बिहार में बना एक और राज्य! नीतीश सरकार ने लगाया मिथिला राज्य का बोर्ड, जानें सबकुछ

मिथिला राज्य की मांग करने वालों का कहना है कि मिथिलांचल के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन जरूरी है. 

Highlightsबोर्ड को किसी और ने नहीं बल्कि क्या बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने लगाया है. बोर्ड पर अंकित है 'पथ निर्माण विभाग मिथिला'.मिथिलांचल की धरती से कोई साजिश का ताना-बाना तो नहीं बुना जा रहा?

पटनाः बिहार के बंटवारे के बाद झारखंड राज्य का निर्माण हो गया. लेकिन बिना किसी बंटवारे के ही राज्य सरकार ने एक और राज्य ’मिथिला’ के नाम से बोर्ड लगा दिया है. हालांकि अधिकारिक तौर पर इसकी ऐलान तो नहीं किया गया है. लेकिन इसकी मांग लंबे समय से चल रही है.

इसकी बानगी पटना से दरभंगा जाने के रास्ते में दिख जाता है, जहां सड़क के किनारे बोर्ड लगाकर यह दर्शाया गया है कि ’मिथिला राज्य में आपका स्वागत है’. इस बोर्ड को किसी और ने नहीं बल्कि क्या बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने लगाया है. उस बोर्ड पर अंकित है 'पथ निर्माण विभाग मिथिला'. ऐसे में अब यह पूछा जाने लगा है कि क्या बिहार में अलग 'मिथिला राज्य' भी है?

ऐसे में जानकारों का कहना है कि यह कैसा संकेत है? क्या 'अलगाववाद' की दिशा में कोई प्रयोग तो नहीं? क्या मिथिलांचल की धरती से कोई साजिश का ताना-बाना तो नहीं बुना जा रहा? इसतरह से यह बोर्ड कई सवाल खड़ा करता है. हालांकि मिथिला राज्य की मांग करने वालों का कहना है कि मिथिलांचल के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन जरूरी है. 

अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के अध्यक्ष एवं बिहार मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नारायण राम ने कहा है कि मिथिला सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं भाषाई रूप से पूर्ण इकाई है और राज्य के रूप में गठन की सारी शर्तें पूरी करता है. उन्होंने कहा कि अपार संभावनाओं के बावजूद मिथिलांचल हर एक मामले में पिछड़ा हुआ है.

बिहार समेत कई राज्यों के लिए खाद्यान्न उत्पादन में सक्षम इसकी जमीन कभी भयंकर बाढ़ तो कभी भयंकर सुखाड़ झेलता आ रहा है. सकरी, लोहट, रैयाम व समस्तीपुर की चीनी मिलों, हायाघाट का अशोक पेपर मिल और पंडौल का सूत मिल काफी वर्षो से बंद रहने के कारण इस क्षेत्र के लोग रोजगार की खोज में लगातार पलायन कर रहे हैं.

राम ने कहा कि मिथिलांचल में समृद्ध भाषा के रूप में मैथिली के स्थापित रहने के बावजूद इसकी यहां घोर उपेक्षा हो रही है. सारी समस्याओं का हल मिथिला राज्य के गठन से संभव हो सकेगा. इसके लिए चल रहे आंदोलन को और तेज करने का उन्होंने ऐलान किया.

Web Title: Bihar Another state formed Nitish government imposed Mithila state board see jharkhand 2000

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