पेशाब करने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस में चढ़ा शख्स, बंद हो गए दरवाजें; लगा 6,000 हजार का चूना
By अंजली चौहान | Published: July 21, 2023 12:16 PM2023-07-21T12:16:05+5:302023-07-21T12:17:29+5:30
अब्दुल कादिर भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर थे जब उन्हें पेशाब करने की तत्काल आवश्यकता महसूस हुई लेकिन उन्हें आसपास कोई शौचालय नहीं मिला।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
भोपाल: यात्रियों के लिए सभी रेलवे स्टेशन पर शौचालय बने होते हैं। कोई भी यात्रि जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल कर सकता है लेकिन भोपाल रेलवे स्टेशन से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
जहां एक यात्री ने स्टेशन पर शौचालय का प्रयोग करने के बजाय ट्रेन में जाकर शौचालय करने का फैसला किया और इसके बदले उसे जुर्माना चुकाना पड़ा। दरअसल, मामला वंदे भारत ट्रेन का है जिसमें हैदराबाद का एक शख्स भोपाल स्टेशन से शौचालय उपयोग करने के लिए ट्रेन में चढ़ गया।
शख्स ने वंदे भारत ट्रेन में शौचालय के लिए प्रवेश किया लेकिन जैसे ही वह अंदर घुसा उसके कुछ देर बाद ट्रेन के दरवाजें बंद हो गए। वंदे भारत ट्रेन प्लेटफॉर्म से चलने लगी। गौरतलब है कि शख्स की पहचान हैदराबाद के मूल निवासी अब्दुल कादिर के रूप में हुई है।
ट्रेन के चलने के बाद कादिर चिंता से भर गया और उसने विभिन्न डिब्बों में तैनात पुलिस अधिकारियों और तीन टिकट संग्राहकों से मदद लेने का प्रयास किया, लेकिन उन सभी ने उसे बताया कि केवल ड्राइवर ही दरवाजे खोल सकता है। हालाँकि, जब उन्होंने ड्राइवर के पास जाने की कोशिश की तो उसे रोक दिया गया।
बिना टिकट ट्रेन में सफर करने पर लगा जुर्माना
जानकारी के अनुसार, बिना वैध टिकट के ट्रेन में चढ़ने के कारण कादिर को 1,020 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। जब ट्रेन उज्जैन पहुंची तो उसे अपने फंसे हुए परिवार तक पहुंचने के लिए भोपाल तक बस टिकट के लिए अतिरिक्त 750 रुपये का भुगतान किया।
दरअसल, हैदराबाद से भोपाल कादिर अपने परिवार के साथ आया था। अब्दुल कादिर अपनी पत्नी और आठ साल के बेटे के साथ मध्य प्रदेश के सिंगरौली जा रहे थे। वे भोपाल आ चुके थे और सिंगरौली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने वाले थे।
इस बीच, ये घटना होने के कारण उनके अलग-अलग मौके पर कुल छह हजार रुपये खर्च हो गए हैं। वंदे भारत ट्रेन का जुर्माना भरने के बाद कादिर ने अपने के साथ सिंगरौली जाने वाली दक्षिण एक्सप्रेस को छोड़ने का फैसला किया और वे उनके बारे में चिंतित थे।
उन्होंने अपनी यात्रा के लिए आरक्षित 4,000 रुपये मूल्य के टिकटों का उपयोग नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप अब्दुल को वंदे भारत टॉयलेट का उपयोग करने के लिए लगभग 6,000 रुपये का नुकसान हुआ।
कादिर ने लगाया आरोप
हालांकि, कादिर ने आरोप लगाया कि सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों में आपातकालीन प्रणाली की अनुपस्थिति के कारण उनके परिवार को कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा और उनका मानना है कि इस घटना ने ट्रेन की आपातकालीन प्रणाली की खामियों को उजागर किया है।
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भोपाल रेलवे डिवीजन के पीआरओ सूबेदार सिंह ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन के यात्रा शुरू करने से पहले एक घोषणा की जाती है, जिसमें बताया जाता है कि दरवाजे किस दिशा में खुलेंगे और दरवाजे बंद किए जा रहे हैं।
दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए ट्रेन में ये सुरक्षा उपाय किए जाते हैं। सिंह ने आगे कहा कि वंदे भारत ट्रेन को उच्च अधिकारियों से आदेश मिलने के बाद ही रोका जा सकता है।