भद्रकः 14 वर्षीय पुत्री को सलाम!, 35 किमी तक ट्रॉली-रिक्शा चलाकर घायल पिता को अस्पताल ले गई, सामूहिक झड़प में घायल हो गए थे, जानें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 27, 2023 02:45 PM2023-10-27T14:45:03+5:302023-10-27T14:45:52+5:30

23 अक्टूबर की यह घटना उस वक्त सामने आई जब बृहस्पतिवार को कुछ स्थानीय लोगों और पत्रकारों ने लड़की को भद्रक शहर के मोहताब चक के पास अपने पिता को ट्रॉली पर वापस घर ले जाते हुए देखा।

Bhadrak Salute 14-year-old daughter who drove trolley-rickshaw 35 km took her injured father hospital injured gang clash, know odisha | भद्रकः 14 वर्षीय पुत्री को सलाम!, 35 किमी तक ट्रॉली-रिक्शा चलाकर घायल पिता को अस्पताल ले गई, सामूहिक झड़प में घायल हो गए थे, जानें

सांकेतिक फोटो

Highlightsघायल पिता को ट्रॉली की मदद से गांव से लगभग 14 किमी दूर धामनगर अस्पताल ले गई थी। चिकित्सकों ने उसे अपने पिता को भद्रक डीएचएच में स्थानांतरित करने के लिए कहा। पिता शंभुनाथ 22 अक्टूबर को एक सामूहिक झड़प में घायल हो गए थे।

भद्रकः ओडिशा के भद्रक जिले में 14 वर्षीय एक लड़की ने अपने घायल पिता को जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) तक ले जाने के लिए 35 किलोमीटर की दूरी तक पैडल मारकर ट्रॉली रिक्शा चलाया। 23 अक्टूबर की यह घटना उस वक्त सामने आई जब बृहस्पतिवार को कुछ स्थानीय लोगों और पत्रकारों ने लड़की को भद्रक शहर के मोहताब चक के पास अपने पिता को ट्रॉली पर वापस घर ले जाते हुए देखा।

सूत्रों के मुताबिक, नदिगान गांव की रहने वाली सुजाता सेठी (14) अपने घायल पिता को ट्रॉली की मदद से गांव से लगभग 14 किमी दूर धामनगर अस्पताल ले गई थी। हालांकि, चिकित्सकों ने उसे अपने पिता को भद्रक डीएचएच में स्थानांतरित करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि सुजाता ने 23 अक्टूबर को अपने पिता को जिला अस्पताल लाने के लिए 35 किलोमीटर तक, पैडल मारकर ट्रॉली चलाई।

सूत्रों ने बताया कि उसके पिता शंभुनाथ 22 अक्टूबर को एक सामूहिक झड़प में घायल हो गए थे। सुजाता ने बताया कि भद्रक डीएचएच के चिकित्सकों ने उन्हें वापस घर जाने और ऑपरेशन के लिए एक सप्ताह बाद आने की सलाह दी। उसने कहा, "मेरे पास न तो निजी वाहन किराए पर लेने के लिए पैसे हैं और न ही एंबुलेंस बुलाने के लिए मोबाइल फोन है।

इसलिए, मैंने अपने पिता को अस्पताल लाने के लिए उनकी ही ट्रॉली का इस्तेमाल किया।" घटना की जानकारी मिलने के बाद भद्रक के विधायक संजीब मल्लिक और धामनगर के पूर्व विधायक राजेंद्र दास लड़की के पास पहुंचे और उन लोगों की मदद की।

भद्रक के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) शांतनु पात्रा ने कहा कि मरीज को इलाज के लिए 23 अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। उन्हें एक सप्ताह बाद ऑपरेशन की सलाह दी गयी। पात्रा ने कहा, "मरीजों को वापस घर भेजने के लिए हमारे पास एंबुलेंस सेवा का कोई प्रावधान नहीं है... वह इलाज पूरा होने तक अस्पताल में ही रहेंगे।"

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