ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #राममंदिर_निर्माण, लोगों ने कहा- 'अब जीतेगी अयोध्या, फैसला आने तक नहीं रुकेगा अभियान'

By पल्लवी कुमारी | Published: October 16, 2019 11:32 AM2019-10-16T11:32:59+5:302019-10-16T11:32:59+5:30

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (15 अक्टूबर) को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 39वें दिन हिंदू और मस्लिम पक्षकारों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई थी।

Ayodhya ram mandir twitter top trends people say today Hindu will win | ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #राममंदिर_निर्माण, लोगों ने कहा- 'अब जीतेगी अयोध्या, फैसला आने तक नहीं रुकेगा अभियान'

तस्वीर स्त्रोत- सोशल मीडिया

Highlights हैशटैग #राममंदिर_निर्माण के साथ लोगों से अपील की जा रही है कि जब-तक सुप्रीम कोर्ट फैसाल ना आए ट्वीट करते रहें। एक यूजर ने ट्वीट किया, प्रभु राम के प्रताप से आज राममंदिर निर्माण का फैसला हिंदुओं को हक में हो गया।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में रोजाना सुनवाई का बुधवार (16 अक्टूबर) को शाम पांच बजे समापन हो जाएगा।  मामले में सुनवाई के 40वें दिन प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अब बहुत हो गया, इस मामले में सुनवाई आज ही पूरी होगी। इधर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है और ट्विटर पर टॉप ट्रेंड कर रहा है,  #राममंदिर_निर्माण। इस हैशटैग के साथ महज एक घंटे के भीतर 70 हजार से ज्यादा ट्वीट किए गए हैं। लोग दावा कर रहे हैं कि आज अयोध्या ही जीतेगी। 

एक वैरिफाइट ट्विटर यूजर ने लोगों से अपील की है, #राममंदिर_निर्माण ट्रेंड पर 63.5 हजार लोग ट्वीट कर चुके हैं। मेरा मित्रो से निवेदन है। जब तक सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई ना पूरी हो जाए, इसे जारी रखें।

वहीं एक समाजिक कार्यकर्ता ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि अब अयोध्या ही जीतेगी।  

एक यूजर ने ट्वीट किया, प्रभु राम के प्रताप से आज राममंदिर निर्माण का फैसला हिंदुओं को हक में हो गया।

वकील प्रशान्त पटेल उमराव ने लिखा, अयोध्या में दावा छोड़ने का नाटक करने वाले अपनी अवश्यम्भावी हार देख रहे हैं, वे कभी कोर्ट में कोई भी तर्कसंगत प्रमाण नहीं दे पाए,अब इतने सालों बाद यह दिखावा क्यों। अगर वे वास्तव में सद्भाव चाहते हैं तो मथुरा और काशी में अवैध कब्जा छोड़ें। #राममंदिर_निर्माण निश्चित और अटल है।

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई के दौरान 39वें दिन हुई तीखी बहस

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (15 अक्टूबर) को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि- बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 39वें दिन हिंदू और मस्लिम पक्षकारों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ पूर्व महान्यायवादी और वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरण की दलीलें सुन रही थी। वह 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य द्वारा दायर मुकदमे का जवाब दे रहे थे, ताकि अयोध्या में विवादित स्थल पर दावा किया जा सके। परासरण ने अपनी दलील में कहा कि मुगल सम्राट बाबर ने 433 साल से अधिक समय पहले भारत पर विजय के बाद भगवान राम की जन्मभूमि पर एक मस्जिद का निर्माण कर एक “ऐतिहासिक गलती” की थी, जिसे अब ठीक करने की जरूरत है।

इस पर मुस्लिम पक्षकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन उठे और हस्तक्षेप किया। धवन ने न्यायामूर्ति एस ए बोबडे, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण और एस ए नजीर की पीठ से कहा, ‘‘यह पूरी तरह से एक नई दलील है। उनके द्वारा अन्य मुकदमों में भी यह तर्क दिया जा सकता था। मैं प्रत्युत्तर देने का हकदार हूं।’’

Web Title: Ayodhya ram mandir twitter top trends people say today Hindu will win

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