धरती की ओर आ रहा है बड़ा उल्कापिंड, 24 जुलाई का दिन अहम, नासा ने इसे खतरे की श्रेणी में रखा
By विनीत कुमार | Published: July 21, 2021 08:37 AM2021-07-21T08:37:29+5:302021-07-21T08:40:41+5:30
धरती की ओर बढ़ रहे उल्कापिंड की गति करीब 8 किलोमीटर प्रति सेकेंड है। इसका आकार एक स्टेडियम के साइज का है।
स्टेडियम के आकार का एक बड़ा उल्कापिंड (Asteroid) धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने इसे '2008Go20' नाम दिया है और ये 24 जुलाई के धरती के पास से गुजरेगा। ये उल्कापिंड करीब 8 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से आगे बढ़ रहा है।
इस हिसाब से देखें तो ये उल्कापिंड एक घंटे में 28,800 किलोमीटर की दूरी तय कर रहा है। ये गति इतनी ज्यादा है कि अगर इसके रास्ते में कुछ भी आता है तो उसे बड़ा नुकसान हो सकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार ये 20 मीटर चौड़ा है और 28,70,847,607 किलोमीटर की दूरी से होकर गुजरेगा। ये धरती और चांद के बीच की दूरी का आठ गुणा है।
नासा ने बताया है इसे खतरनाक
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस उल्कापिंड पर लगातार नजर रख रहा है। नासा के मुताबिक ये सुरक्षित तरीके से धरती के पास से गुजर जाएगा लेकिन हमारे ग्रह के करीब इसकी कक्षा को अपोलो की श्रेणी में रखा गया है। अपोलो श्रेणी में बेहद खतरनाक उल्कापिंडों को रखा जाता है।
इससे पहले पिछले महीने जून में भी 2021KT1 नाम का उल्कापिंड धरती के करीब से गुजरा था। ये आकार में एफिल टावर के जैसा था। ये धरती से 45 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरा था। अंतरिक्ष विज्ञान में 46 लाख से कम दूरी के उल्कापिंड को संभावित खतरा पहुंचाने वाले ऑब्जेक्ट के तौर पर गिना जाता है।
बताते चलें कि नासा धरती के करीब 26 हजार उल्कापिंडों पर नजर रखता है। इसमें करीब 1000 संभावित खतरे के तौर पर देखे जाते हैं। नासा सूर्य के चारों ओर के उल्कापिंडों पर नजर रखता है और उनकी लोकेशन के बारे में पता लगाता है।
गौरतलब है कि धरती के पास से होकर उल्कापिंडों के गुजरने का सिलसिला नया नहीं है। आमतौर पर ऐसा होता रहता है। हालांकि खतरा जब बढ़ जाता है जब इनका आकार काफी बड़ा हो।