राजस्थानः इस गांव से 22 साल बाद निकली बारात, इस कारण अब तक नहीं होती थी शादियां
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: May 5, 2018 11:10 PM2018-05-05T23:10:42+5:302018-05-05T23:10:42+5:30
खबर के अनुसार 1996 के बाद से यहां कोई भी दूल्हा नहीं बना है। लेकिन अब इसने सालों बाद पवन सिंह नाम के एक शख्स ने यहां के इतिहास को बदल दिया।
धौलपुर, 5 मई: राजस्थान में एक ऐसी जगह भी है जहां पिछले 22 सालों से कोई बारात नहीं निकली। यहां एक ऐसा गांव है जहां 22 सालों से किसी भी लड़के की शादी नहीं हुई है। ये गांव है धौलपुर का राजघाट।
खबर के अनुसार 1996 के बाद से यहां कोई भी दूल्हा नहीं बना है। लेकिन अब इसने सालों बाद पवन सिंह नाम के एक शख्स ने यहां के इतिहास को बदल दिया। खबर के अनुसार पवन की शादी 29 अप्रैल को हुई। कहा जा रहा है कि धौलपुर के राजघाट गांव का नाम सुनते ही लोग अपनी बेटी की शादी इस गांव में करने से मना कर देते थे।
इसका कारण था कि यहां पर दैनिक जीवन की मूलभूत सुविधाओं की कमी है। जिस कारण से 22 साल से यहां किसी भी लड़के की शादी नहीं हुई है, लेकिन दूल्हा बने पवन के चेहरे पर इतिहास बदलने की मुस्कान झलक रही है।पवन सिंह की शादी मध्य प्रदेश में हुई है, ऐसे में गांव के लोगों का खुशी का ठिकाना नहीं है।
#Rajasthan: Dholpur district's Rajghat village witnessed a 'baraat' after a gap of 22-years on 29 April, as families were not willing to marry off their daughters to men of the village owing to unavailability of water, electricity supply & road connectivity. pic.twitter.com/m47YEsLzfh
— ANI (@ANI) May 5, 2018
इन सुविधाओं से हैं वंचित
राजघाट गांव धौलपुर जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर है। लेकिन आज तक यहां बिजली की सुविधा नहीं है और न ही पीने के लिए साफ पानी मिलता है। कहा जा रहा है आज भी यहां के लोग चंबल नदी का पानी पीने को मजबूर हैं। वहीं, खुले में शौच मुक्त की बात देशभर में की जा रही है , लेकिन यहां लोगों को शौचालय होता कैसा है ये तक नहीं पता। इतना ही नहीं गांव की साक्षरता की जाए तो, यहां पर साक्षर लोग के नाम मात्र के हैं। पुरुषों में तो साक्षरों की संख्या थोड़ी है भी, लेकिन महिलाओं में तो केवल दो ही ऐसी हैं जो अपना नाम मात्र तक लिख पाती हैं।
ऐसे में अब 22 साल बाद इस गांव में एक आशा की किरण सामने आई है। पवन की शादी के बाद गांव के लोगों में यह उम्मीद जगी है कि अब यहां की मूलभूत सुविधाओं पर जल्द ध्यान दिया जाएगा, ताकि युवाओं की जल्दी ही शादी की जा सके।