खेल-खेल में 1 साल के मासूम ने निगल ली बैटरी, गले में अटकतें ही हुआ कुछ ऐसा, जानें यहां

By अंजली चौहान | Published: April 3, 2024 11:16 AM2024-04-03T11:16:46+5:302024-04-03T11:17:10+5:30

एक वर्षीय लड़के श्रीजीत को हाल ही में अपनी बहन के इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैच पैड से बटन बैटरी निगलने के बाद बेंगलुरु के ओल्ड एयरपोर्ट रोड स्थित मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

A 1 year old innocent boy swallowed a battery while playing in Bengaluru Karnataka something like this happened while it was stuck in his throat know here | खेल-खेल में 1 साल के मासूम ने निगल ली बैटरी, गले में अटकतें ही हुआ कुछ ऐसा, जानें यहां

फाइल फोटो

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिसने सभी पेरेंट्स को चिंता में डाल दिया है। शहर में रहने वाले एक परिवार के एक साल के मासूम बच्चे ने खेल-खेल में इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैच पैड की बटन बैटरी निगल ली। मासूम ने अनजाने में ही बैटरी निगल ली जिसके बाद मां ने देखा कि बेटे को गले में कुछ दिक्कत हो रही और वह अचानक खांसने लगा।

आनन-फानन में मां मासूम को लेकर अस्पताल में दौड़ी। माता-पिता उसे दो अन्य अस्पतालों में ले गए। जहां एक नजदीकी अस्पताल में बच्चे के गले से बैटरी निकालने में सफलता नहीं मिली। इसके बाद पेरेंट्स बच्चे को मणिपाल हॉस्पिटल, ओल्ड एयरपोर्ट रोड में ले गए। अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद एक्स-रे में बच्चे के सीने में एक रेडियो-अपारदर्शी छाया दिखाई दी, जो बटन बैटरी की उपस्थिति की पुष्टि करती है।

मणिपाल हॉस्पिटल्स में बाल चिकित्सा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी के सलाहकार डॉक्टर श्रीकांत केपी ने कहा, “बटन बैटरियां, अगर निगल ली जाएं और ग्रासनली में चली जाएं, तो घातक हो सकती हैं।"

उन्होंने कहा कि उपचार में देरी से ग्रासनली में छिद्र, हृदय या रक्त वाहिकाओं जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान और यहां तक कि मृत्यु जैसी गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। बच्चे के मामले में, हम इस मुद्दे को तेजी से सुलझाने में सक्षम थे क्योंकि उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया था। डॉक्टर के मुताबिक, बैटरी निकालने और क्षेत्र में मलबा साफ करने के लिए एंडोस्कोपी की गई।

गौरतलब है कि मामला 29 फरवरी का है और बच्चे की पहचान श्रीजीत के रूप में हुई है। सफलतापूर्वक डॉक्टरों के प्रयास से मासूम को समय रहते बचा लिया गया। उसके गले से किसी तरह से बैटरी को निकाल लिया गया जिसके बाद मासूम अब सुरक्षित है।

अस्पताल ने कहा कि 48 घंटे की निगरानी के बाद श्रीजीत को छुट्टी दे दी गई।  बच्चा पूरी तरह से ठीक हो गया है। उसके अन्नप्रणाली को कोई और नुकसान न हो यह सुनिश्चित करने के लिए बाद में कंट्रास्ट स्वैल परीक्षण किया गया।

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