121 देशों के करीब 75 हजार कर्मचारियों के 22 फीसदी लोग कार्यस्थल पर कभी न कभी हुई है शारीरिक हिंसा एवं उत्पीड़न का शिकार, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

By आजाद खान | Published: December 7, 2022 04:39 PM2022-12-07T16:39:57+5:302022-12-07T16:57:05+5:30

वहीं इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कार्यस्थल में शारीरिक हिंसा एवं उत्पीड़न के ज्यादा शिकार पुरुष हुए है। ऐसे में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले कम शिकार हुईं है।

22 percent 75 000 employees from 121 countries victims physical violence harassment at workplace report | 121 देशों के करीब 75 हजार कर्मचारियों के 22 फीसदी लोग कार्यस्थल पर कभी न कभी हुई है शारीरिक हिंसा एवं उत्पीड़न का शिकार, रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsदुनिया के तीन संस्थानों ने मिलकर एक स्टडी की है। इसमें 121 देशों के करीब 75 हजार कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था। ऐसे में इन लोगों में से 22 फीसदी लोगों का मानना है कि वे काम में कभी न कभी शारीरिक हिंसा का शिकार हुए है।

नई दिल्ली: एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि काम करने वाले जगहों पर भारी तादात पर हिंसा और उत्पीड़न के मामले सामने आए है। रिपोर्ट के अनुसार, काम करने वाली महिलाओं, युवाओं, प्रवासियों तथा दिहाड़ी मजदूर इसका ज्यादा शिकार हुए है।  

इस स्टडी को अंजाम देने के लिए दुनिया के कुल 121 देशों के करीब 75,000 कर्मचारियों को शामिल किया गया था जिसके बाद यह रिपोर्ट तैयार हुआ है। रिपोर्ट में पुरुषों को लेकर भी चौंकाने वाले खुलासे हुए है। 

क्या हुआ है रिपोर्ट में खुलासा

आपको बता दें कि इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, लॉयड्स रजिस्टर फाउंडेशन और गैलप द्वारा पिछले साल तैयार किया गया है। इस स्टडी के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल हुए करीब 22 फीसदी लोगों ने यह बताया है कि वे कभी न कभी अपने काम के दौरान किसी एक हिंसा या उत्पीड़न का शिकार हुए है। 

वहीं अगर तीनों संस्थान की रिपोर्ट को एक जगह कर लिया जाए तो इससे यही खुसाला होता है काम करने वाले जगहों पर हिंसा और उत्पीड़न व्यापक तौर पर मौजूद है और यही चीज सबके लिए काफी हानिकारक है। दावा है कि इससे शारीरिक और मानसिक हेल्थ पर भी असर पड़ता है और इससे लोग कभी-कभी अपनी नौकीर भी खो देते है जिससे उनके जीवन पर असर पड़ता है। यही नहीं इसका समाज को भी असर पड़ता है और ऐसे में सोसाइटी का भी आर्थिक नुकसान होता है। 

काम करने वाले जगहों पर होती यह चीजें

सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, 
6.3 फीसदी लोगों ने यह माना कि काम करने वाले जगहों पर उन्हें शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और यौन हिंसा एवं उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि किसी और मामलों के अलावा नोवैज्ञानिक हिंसा और उत्पीड़न के ज्यादा मामले देखे गए है। यही नहीं काम करने वाले 17.9 लोगों ने यह बताया है कि उन्हें अपने काम के दौरान इस तरीके के अनुभव का शिकार हुए है। 

किसी मामले में पुरुष तो किसी दूसरे मामले में महिलाएं हुई है इसका शिकार

इस स्टडी में यह भी खुलासा हुआ है कि काम करने वाले जगहों पर महिलाओं के मुकाबले में पुरुषों को शारीरिक हिंसा एवं उत्पीड़न का ज्यादा सामना करना पड़ा है। यही नहीं इन लोगों में 6.3 लोगों ने बताया है कि काम के समय उनके साथ यौन हिंसा और उत्पीड़न हुआ है जिसमें महिलाओं की संख्या 8.2 फीसदी है और पांच फीसदी पुरुष है। 

रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि दुनिया के किसी भी कोने में काम करने वाले कोई भी लोग कभी न कभी लिंग, शारीरिक अक्षमता, राष्ट्रीयता, जातीयता और रंग या धर्म को लेकर उनके साथ भेदभाव हुए है। 

Web Title: 22 percent 75 000 employees from 121 countries victims physical violence harassment at workplace report

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