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Farmer Protest: Sachin Tendulkar को बोलने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए, Sharad Pawar क्यों बोले ऐसा|Mia Khalifa|Rihanna|Kangana Ranaut

By गुणातीत ओझा | Published: February 8, 2021 01:18 AM2021-02-08T01:18:51+5:302021-02-08T01:19:56+5:30

राकांपा (NCP) अध्यक्ष शरद पवार (Sharad pawar) ने शनिवार को कहा कि मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को किसानों के बारे में बोलने के दौरान काफी सावधानी बरतनी चाहिए।

किसान आंदोलन

शरद पवार और राज ठाकरे सचिन से नाराज?

राकांपा (NCP) अध्यक्ष शरद पवार (Sharad pawar) ने शनिवार को कहा कि मशहूर क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को किसानों के बारे में बोलने के दौरान काफी सावधानी बरतनी चाहिए। अमेरिकी गायिका रिहाना (Rihanna) और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg), मिया खलीफा (Mia Khalifa) सहित कुछ विदेशी शख्सियतों के प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट के बाद तेंदुलकर और प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) सहित विभिन्न हस्तियों ने सोशल मीडिया पर ‘‘इंडिया टुगेदर’’ #India Together और ‘‘इंडिया अगेन्स्ट प्रोपेगैंडा’’ #India Against Propaganda  हैश टैग से सरकार के रुख के समर्थन में ट्वीट किए थे। तेंदुलकर और मंगेशकर जैसी हस्तियों की ओर से किसान आंदोलन के संबंध में प्रतिक्रिया दिए जाने के सवाल पर पवार ने कहा कि लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।

 उन्होंने कहा, ‘‘ मैं सचिन तेंदुलकर को सुझाव दूंगा कि उन्हें अन्य क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।’’ पवार ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों को खालिस्तानी और आतंकवादी कहकर आंदोलन को बदनाम कर रही है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘ ये प्रदर्शनकारी किसान हैं जोकि हमारे देश का पेट भरते हैं। इसलएि, इन्हें खालिस्तानी या आतंकवादी कहना उचित नहीं है।’’

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को आंदोलनरत किसानों के समर्थन में ट्वीट करने वाली विदेशी हस्तियों पर पलटवार के लिए चलाए गए अपने अभियान में लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर को नहीं उतारना चाहिए था। ऐसे में इन हस्तियों को भी सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी गायिका रिहाना और अन्य हस्तियों का नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करना भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने जैसा था, तो डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा भी परेशानी भरा था। 

राज ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ केंद्र को लता मंगेशकर और सचिन तेंदुलकर को उसके रुख के समर्थन में ट्वीट करने के लिए नहीं कहना चाहिए था और उनकी प्रतिष्ठा को दाव पर नहीं लगाना चाहिए था। अब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रॉलिंग का सामना करना पड़ेगा। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को अपने अभियान के लिए अक्षय कुमार जैसे अभिनेताओं का उपयोग ही सीमित रखाना चाहिए। ठाकरे ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान मोदी की ह्यूस्टन रैली को हवाला देते हुए कहा, ‘‘ इस आधार पर, अमेरिका में ‘अगली बार, ट्रंप सरकार’ जैसी रैली करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। यह उस देश का आंतरिक मामला था।’’ उन्होंने यह भी कहा कि किसान जिन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, उनमें कुछ कमियां हो सकती हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए।

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