UP News: नाबालिग को स्कूटी चलाने देने वाले पैरेंट्स पर होगा एक्शन!, 3 साल जेल की सजा और 25000 जुर्माना, जानें क्या है गाइडलाइन

By राजेंद्र कुमार | Published: January 3, 2024 05:28 PM2024-01-03T17:28:28+5:302024-01-03T17:30:03+5:30

UP News: कोई पेरेंट्स (अभिभावक) अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए देता है तो उसे 3 साल की जेल की सजा और 25 हजार के जुर्माने से दंडित किया जाएगा.

UP News Action will be taken against parents who allow minor to ride scooter 3 years jail sentence and 25000 fine, know what is the guideline | UP News: नाबालिग को स्कूटी चलाने देने वाले पैरेंट्स पर होगा एक्शन!, 3 साल जेल की सजा और 25000 जुर्माना, जानें क्या है गाइडलाइन

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Highlightsउत्तर प्रदेश परिवहन यातायात कार्यालय की तरफ से शिक्षा निदेशक माध्‍यमिक को भेजा गया है.शासन के इस फैसले को तमाम बच्चों के माता-पिता को तुगलकी फैसला बता रहा हैं.लोगों का कहना है कि उक्त फैसले को लागू करने में सख्ती नहीं की जाती चाहिए.

UP News: उत्तर प्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र के किशोर/किशोरियों पर दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाने पर लगाया गया प्रतिबंध विवादों में घिरने लगा है. इस फैसले के तहत राज्य में यदि कोई पेरेंट्स (अभिभावक) अपने नाबालिग बच्चों को वाहन चलाने के लिए देता है तो उसे 3 साल की जेल की सजा और 25 हजार के जुर्माने से दंडित किया जाएगा.

यह आदेश उत्तर प्रदेश परिवहन यातायात कार्यालय की तरफ से शिक्षा निदेशक माध्‍यमिक को भेजा गया है. प्रदेश शासन के इस फैसले को तमाम बच्चों के माता-पिता को तुगलकी फैसला बता रहा हैं. इन लोगों का कहना है कि उक्त फैसले को लागू करने में सख्ती नहीं की जाती चाहिए.

सत्तारूढ़ दल के तमाम विधायकों की भी यही सोच है. जिसके चलते यह माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए इस फैसले को लागू करने में सख्ती नहीं की जाएगी. इस विवाद की शुरुआत सूबे में कम उम्र के बच्चों के वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने को लेकर परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह की ओर से जारी किए गए आदेश से होती है.

ये आदेश उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से दिए गए निर्देश के बाद जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोई अभिभावक 18 साल से कम उम्र के लड़के या लड़कियों को वाहन चलाने के लिए नहीं देगा, यदि वह अपने कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने के लिए देता है तो उसका जिम्मेदार वह स्वयं होगा.

उक्त आदेश के अनुसार अगर नाबालिग वाहन चलाते पाए गए तो इसका जिम्मेदार उनके माता पिता को ही माना जाएगा. ऐसे अभिभावकों को तीन साल तक की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकता है. इसके साथ ही वाहन का लाइसेंस एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा.

परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से उक्त आदेश को विद्यालयों में अभियान चलाकर लागू करने को कहा है. इसी क्रम में माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस को इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं. डीआईओएस से कहा गया है कि हर स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा की जानकारी दें.

उन्हें बताया जाए कि बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. विद्यालयों में सड़क सुरक्षा के नियमों से संबंधित वॉल पेंटिंग कराई जाए. विद्यार्थियों के वाट्सअप ग्रुप बनाकर इससे संबंधित जानकारी व सुझाव साझा किए जाएं.

बच्चों के माता -पिता नाराज

कम उम्र के बच्चों के वाहन चलाने पर रोक लगाने संबंधी आदेश ने उन माता पिता की चिंता बढ़ा दी है, जिंहोने अपने बच्चों को स्कूल जाने के लिए स्कूटी दी हुई है. ऐसा माता -पिता का कहना है कि हाईस्कूल और इंटर के लड़के और लड़कियां अधिकतर स्कूटी और अन्य वाहनों से स्कूल आते हैं.

इन बच्चों के माता-पिता का कहना है कि उन्होने अपने बच्चों को स्कूटी इसलिए दी हुई है क्योंकि वह अपने दफ्तर/दुकान में व्यस्त होते हैं. और प्रतिष्ठित स्कूल हाईस्कूल/ इंटर में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बस उपलब्ध नहीं कराते. मजबूरन उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए उन्हे स्कूटी देनी पड़ी.

अब सूबे के अफसरों ने कानून की आड़ लेकर जो आदेश जारी किया हैं, वह बच्चों के माता-पिता की मुसीबत बढ़ाने वाला है. उसका वह विरोध करेंगे. कुछ माता -पिता कह रहे हैं कि सिर्फ बच्चों को स्कूटी ना चलाने देने से दुर्घटना नहीं रुकेगी. दुर्घटनाएं होने के तमाम और कारण भी हैं. उन्हें देखा जाये और अगर बच्चों को स्कूटी चलाने से रोकना है तो शहर में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर किया जाए. वह सब तो किया नहीं जा रहा है और कानून को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिये जा रहे हैं.  

Web Title: UP News Action will be taken against parents who allow minor to ride scooter 3 years jail sentence and 25000 fine, know what is the guideline

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