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यूपी में बर्बाद हो रहे मुर्गी पालन उद्योग को बचाने की अपील, पोल्ट्री फार्मर्स ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

By राजेंद्र कुमार | Updated: August 1, 2023 20:31 IST

इस उद्योग से जुड़े करीब 15 लाख लोग प्रदेश सरकार के इस कारोबार को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। इन लोगों की मांग है कि राज्य में अंडे का मूल्य निर्धारण के लिए सरकार की संस्था बने और कोल्ड स्टोरेज में महीनों से रखे अंडे की बिक्री पर रोक लगाई जाए।

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ठळक मुद्देकरीब 15 लाख लोग प्रदेश सरकार के इस कारोबार को बचाने की गुहार लगा रहे हैंइनकी मांग है कि राज्य में अंडे का मूल्य निर्धारण के लिए सरकार की संस्था बनेसाथ ही कोल्ड स्टोरेज में महीनों से रखे अंडे की बिक्री पर रोक लगाई जाए

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार ने सूबे में 35 लाख करोड़ निवेश का प्रस्ताव लाने का रिकार्ड बनाया है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में करीब 11 हजार करोड़ रुपए का मुर्गी पालन और अंडा कारोबार का उद्योग बर्बाद हो रहा है। इस उद्योग से जुड़े करीब 15 लाख लोग प्रदेश सरकार के इस कारोबार को बचाने की गुहार लगा रहे हैं। इन लोगों की मांग है कि राज्य में अंडे का मूल्य निर्धारण के लिए सरकार की संस्था बने और कोल्ड स्टोरेज में महीनों से रखे अंडे की बिक्री पर रोक लगाई जाए। 

इस मांग को लेकर कुक्कुट विकास समिति उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल अंडा उत्पादक कृषक कल्याण समिति के नेतृत्व में मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलों के पोल्ट्री फार्मर्स ने पशुपालन निदेशालय लखनऊ में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान एक ज्ञापन के जरिए योगी सरकार से मांग की कि रेट डिक्लेरेशन सिस्टम स्थापित किया जाय। ज्ञापन की प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजकर उनसे यूपी के बर्बाद हो रहे मुर्गी पालन उद्योग को बचाने की अपील की गई है। 

कुक्कुट विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष वी पी सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार को भेजे ज्ञापन में लिखा गया है कि पोल्ट्री फार्मर्स की समस्याओं का समुचित निस्तारण नहीं होने की दशा में किसान पोल्ट्री पॉलिसी के तहत जारी लेटर आफ कम्फर्ट 15 सितंबर 2023 के बाद वापस कर देंगे। और  अक्टूबर में महानिदेशालय में आमरण अनशन शुरू करेंगे। 

वी पी सिंह के अनुसार, अंडे का रेट डिक्लेरेशन सिस्टम यूपी के पोल्ट्री फार्मर्स को बर्बाद कर रहा है. हरियाणा स्थित बरवाला के ट्रेडर्स द्वारा जो रेट खोला जाता है उसी दर पर उत्तर प्रदेश में अंडे बेचे जाते हैं। इस व्यवस्था के चलते हरियाणा और अन्य राज्यों से कोल्ड स्टोरेज में रखे महीनों पुराने अंडे प्रदेश में बेचने के लिए भेजे जाते हैं। जिसके कारण प्रदेश के पोल्ट्री फार्मर्स को अंडे का लागत मूल्य तक नहीं मिल पा रहा है। वी पी सिंह का कहना है कि बाहर के प्रदेशों से गुणवत्ता विहीन अंडे बंद ट्रकों में यूपी लाए जाते हैं, जो खराब गुणवत्ता के कारण सस्ते होते हैं। इस वजह से प्रदेश के ताजा गुणवत्ता अंडों को बाजार में बिकने के लिए उनसे प्रतिस्पर्धा करनी होती है। 

इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव पशुधन ने गुणवत्ता विहीन अंडों पर अंकुश लगाने के लिए गत 23 फरवरी को एक शासनादेश जारी किया था. इस शासनादेश में यह प्रावधान किया गया था कि सूबे में अन्य प्रदेशों से आने वाले और प्रदेश में उत्पादित  बाहर जाने वाले अंडे रेफ्रिजरेटेड वाहन में परिवहन किए जाएंगे। परंतु इस शासनादेश को 3 महीने के लिए स्थगित करा दिया। 

ऐसे में अब अन्य प्रदेशों से गुणवत्ता विहीन अंडे सूबे में लाकर प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में भारी संख्या में रखकर जमाखोरी की जा रही है। वी पी सिंह का कहना है कि प्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में अंडे ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड्स एवं कोल्ड स्टोरेज विनियमन अधिनियम 1976 का उल्लंघन कर रखे जा रहे हैं जो शासनादेश के प्रभावी रहते संभव नहीं था। इसलिए 23 फरवरी को जारी शासनादेश किसान हित एवं उपभोक्ता हित में तुरंत बहाल किया जाय। 

पूर्वांचल अंडा उत्पादक कृषक कल्याण समिति के सचिव इकबाल अहमद ने भी यह मांग की है कि प्रदेश के बाजार में गुणवत्तायुक्त अंडा उपलब्ध करने के लिए बिकने वाले समस्त अंडों पर उत्पादन तिथि उत्पादन का स्थान प्रदेश का नाम अनिवार्य रूप से अंकित कराया जाए। इकबाल का कहना है कि एफएसएसएआई के 21 फरवरी 2023 को जारी किए गए नोटिफिकेशन में यह कहा गया है कि हर अंडे का उपभोग 14 दिन के अंदर किया जाए। इस व्यवस्था को सूबे अनिवार्य रूप से लागू किया जाए। 

इसके अलावा अंडों के परिवहन एवं परिरक्षण से संबंधित केंद्र व राज्य सरकार के पूर्व से ही स्थापित मानकों एवं नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाए। तब ही सूबे का यूपी में मुर्गी पालन बर्बाद होने से बच सकेगा. यूपी में मुर्गी पालन और अंडे का कारोबार हर जिले में फैला है। राज्य में करीब तीन हजार मुर्गी पालन फार्म हैं। इनमें करीबी 700 मुर्गी पालन फ़ार्म सरकारी और 2200 गैर सरकारी हैं। 

करीब डेढ़ लाख लोग इस कारोबार जुड़े हैं। जबकि अंडा कारोबार में 14 लाख से अधिक लोग जुड़े हैं। वीपी सिंह के अनुसार राज्य में मुर्गी पालन और अंडा कारोबार का उद्योग करीब 11 हजार करोड़ रुपए का है। ये उद्योग अब यूपी में प्रति दिन तीन करोड़ अंडे उपलब्ध कराता हैं। इतने अंडे की ही प्रतिदिन यूपी में खपत है। इसलिए इस कारोबार को बर्बाद होने से बचाने की बहुत जरूरत है।

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