लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। इसके साथ ही उन्होंने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद भी छोड़ा दिया। गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट से लोकसभा चुनाव जीता है। हालांकि, संविधान के नियम के अनुसार किसी भी एक सदन में रहने के लिए दूसरे सदन से इस्तीफा देना जरूरी होता है अन्यथा सदस्यता स्वत: रद्द हो जाती है। उनके साथ अयोध्या से नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद ने भी अपने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा से सपा के नवनिर्वाचित सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, "हम समाजवादी पार्टी और PDA की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे, इस देश और प्रदेश में कल्याणकारी सरकार बनाने का प्रयास किया जाएगा, हमारी सरकार बनेगी। जब 2027 के चुनाव होगा तब भाजपा का पूरा सफाया हो जाएगा। हमारी शक्ति बढ़ी है, आज हमारी 37 सीटें हैं लेकिन अगर वोटों में छेड़खानी न हुई होती तो हमें 50-55 सीटें मिलती। अखिलेश यादव के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।"
नेता प्रतिपक्ष के पद पर अब सबकी निगाहेंअखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष के पद पर सपा की ओर से इंद्रजीत सरोज, राम अचल राजभर, कमालस अख्तर और शिवपाल सिंह यादव का नाम मुख्य तौर पर सामने आया।