पाकिस्तानी उड़ाना चाहते थे भारतीय सीमा पर स्थित मंदिर, नहीं फटा एक भी बम!
By धीरज पाल | Updated: January 3, 2018 19:56 IST2018-01-03T19:03:24+5:302018-01-03T19:56:07+5:30
माना जाता है कि लोंगेवाला युद्ध स्थल के नजदीक स्थित देवी हिंगलज की अवतार तनोट माता आज भी सेना की रक्षा कर रही हैं।

पाकिस्तानी उड़ाना चाहते थे भारतीय सीमा पर स्थित मंदिर, नहीं फटा एक भी बम!
भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध के दौरान दुश्मन देश भारतीय सैनिकों के अलावा एक और खास चीज को निशाना बनाकर बम पर बम दागे जा रहे थे। पाकिस्तानी दोनों देशों की सीमा पर स्थित तनोट माता का मंदिर तबाह करना चाहते थे। मान्यता है कि तनोट माता भारतीय सेना की रक्षा करती हैं। पाकिस्तानी इसी मान्यता को धता बताना चाहते थे। लेकिन उनकी कोशिशों पर भारतीयों की आस्था भारी पड़ी। पाकिस्तान द्वारा माता के मंदिर को निशाना बनाकर दागे गये किसी भी बम से मंदिर कोई क्षति नहीं पहुंची।
पाकिस्तान ने मंदिर को निशाना बनाकर जितने भी बम दागे उनमें से एक भी नहीं फटा। इस दैवीय शक्ति कह लीजिए या चमत्कार। इसका सबूत आपको वहां मंदिर जाकर मिल जाएगा। मंदिर के अंदर एक संग्रहालय स्थित है जहां सारे बम इकठ्ठा करके रखे गये हैं।
सेना की हिफाजत करती हैं माता तनोट
माना जाता है कि लोंगेवाला युद्ध स्थल के नजदीक स्थित देवी हिंगलज की अवतार तनोट माता आज भी सेना की रक्षा कर रही हैं। मंदिर बीएसएफ के जवानों द्वारा संरक्षित है। यह मंदिर जैसलमेर से लगभग 153 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
मंदिर की संरचना
मंदिर बहुत ही साधारण ईंट से निर्मित है लेकिन गैलरी में प्रदर्शित इसकी कहानियां इसकी खासियत बयां करती है। कहा जाता है कि पाकिस्तान ने इस इलाके पर हमला किया और मंदिर को निशाना बना कर उस दिशा में बहुत सारे बम दागे। यहां करीब 3000 गोले दागे गए थे। इनमें से करीब 450 गोले तो मंदिर के आंगन में गिरे थे। तभी से ये मंदिर बम वाली माता के मंदिर के नाम से मशहूर हो गया।
श्रद्धालु इस मंदिर में दैवीय मान्यता के लिए एक रूमाल बांधते हैं यह उसी तरह से है जिस तरह कई मंदिरों में धागे बांधें जाते हैं। मंदिर की यात्रा करने के लिए आपको में सेना के प्रशासनिक अधिकारियों की अनुमति लेना आवश्यक है।
सैनिक हैं यहां के पुजारी
पुजारी की जिम्मेदारी भी जवान ही निभाते हैं। जवानों का विश्वास है कि तनोट माता मंदिर की वजह से जैसलमेर की सरहद के रास्ते हिंदुस्तान पर कभी भी कोई आफत नहीं आ सकती है। मंदिर में 1965 और 1971 के जंग की गौरवगाथा सुनाती तस्वीरों की पूरी झांकी भी सजी हुई है। मंदिर के भीतर बम के वो गोले भी रखे हुए हैं जो यहां आ कर गिरे थे। जवानों का मानना है कि यहां कोई दैवीय शक्ति है।