आज भी ओरछा में है "राम राज्य", 500 साल से जारी है ये खास परंपरा

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 15, 2017 03:24 PM2017-12-15T15:24:05+5:302017-12-15T16:08:46+5:30

अयोध्या नगरी भगवान राम की जन्म भूमि मानी जाती है लेकिन मध्य प्रदेश के ओरछा में एक अनोखी परंपरा जारी है।

Ram Rajya in Orchha, this special tradition is continue since 500 years | आज भी ओरछा में है "राम राज्य", 500 साल से जारी है ये खास परंपरा

आज भी ओरछा में है "राम राज्य", 500 साल से जारी है ये खास परंपरा

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम से जुड़ी कई पौराणिक कहानियां प्रचलित हैं जिनसे हम भली-भांति परिचित हैं। भगवान राम के पूरे भारत में कई मंदिर हैं जो अपनी मान्यताओं और परंपराओं के लिए जाने जाते हैं।  ऐसा ही एक राम मंदिर मध्य प्रदेश के ओरछा में है। इस मंदिर में भगवान राम की पूजा विष्णु के रूप में नहीं बल्कि राजा के तौर पर की जाती है। यह सिलसिला काफी समय से चला आ रहा है।

राजा राम मंदिर

यह मंदिर झांसी (मध्य प्रदेश) के नजदीक ओरछा में स्थित है। इस मंदिर को राजा राम मंदिर के नाम से जाना जाता है। ओरछा झांसी से करीब आधे घंटे की दूरी पर स्थित है। बुंदेला स्थापत्य शैली में बना यह मंदिर ओरछा की संस्कृति और परंपरा और खूबसूरती को बयां करती है। 

अगर आप पहली बार इस मंदिर की यात्रा कर रहे हैं तो यहां का नजारा देख शायद आप हैरान हो सकते हैं  क्योंकि यहां भगवान श्री राम की पूजा सिपाहियों और आम लोगों की सलामी के बाद शुरू की जाती है। मंदिर में भगवान राजा राम को सलामी दी जाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।  स्थानीय लोग इस मंदिर को ओरछा मंदिर के नाम से भी पुकारते है। 

राजा राम को पुलिस देती है सलामी! - 

हिंदू धर्म में विश्व का यह इकलौता ऐसा मंदिर है जहां प्रशासन द्वारा राजा राम को सलामी दी जाती है। यहां भगवान राम को सलामी इसलिए दी जाती है क्योंकि मंदिर में भगवान राम को एक राजा के तौर पर पूजा जाता है। राजा के सम्मान के लिए सूर्योदय और सूर्यास्त के समय मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा भगवान राम को सलामी दी जाती है।  इस सलामी के पीछे एक पौराणिक किंवदंती है। 

पौराणिक किंवदंती 


किंवदंती के मुताबिक संवत 1600 में तत्कालीन बुंदेला शासक मधुकर शाह की पत्नी महारानी कुंवरीगणेश भगवान राम की परम भक्त थी। एक बार मधुकर शाह अपनी पत्नी की उपासना के लिए वृंदावन चलने को कहा लेकिन रानी ने जाने से मना कर दिया क्योंकि वो राम की भक्त थीं। क्रोध में आकर राजा ने रानी से कहा कि अगर राम भक्त हो तो जाओ राम को ओरक्षा में लेकर आओ। 

रानी राम की नगरी अयोध्या पहुंचकर सरयू नदी के किनारे राम की तपस्या में लीन हो गईं। कई दिनों तक तपस्या करने के बाद राम प्रकट नहीं हुए। अंत में आकर उन्होंन अपनी जान देने के लिए नदी में छलांग लग दी। पानी के अंदर रानी को भगवान राम के दर्शन हुआ। रानी ने भगवान राम से ओरछा चलने के लिए कहा। भगवान राम ने रानी के सामने शर्त रखी कि ओरक्षा में राजशाही खत्म हो और उन्हीं की सत्ता हो। तभी से ओरक्षा में रामराज शुरू हुआ जो आज भी कायम है। 

भगवान राम की मूर्ति महल के शयनकक्ष में स्थापित है। यहां राम के अलावा सीता और लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित है। महल के सामने एक भव्य मंदिर है। मंदिर में कई देवी-देवताओं की मूर्ति है। कहा जाता है कि मंदिर में अधिकरत मूर्तियां अयोध्या से लाई गई है। मंदिर में बेल्ट पहनकर प्रवेश नहीं जा सकते हैं क्योंकि माना जाता है कि राजा के सामने कमर कस कर नहीं जाना चाहिए। इसलिए मंदिर में बेल्ट पहनकर नहीं जाने दिया जाता है। 

Web Title: Ram Rajya in Orchha, this special tradition is continue since 500 years

मुसाफ़िर से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे