आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था और निधन 18 अगस्त 1945 को हुआ था। उन्होंने पहले भारतीय सशस्त्र बल की स्थापना की थी जिसका नाम आजाद हिंद फौज रखा गया था। Read More
आजाद हिंद सरकार के पहले प्रधानमंत्री के रूप में नेताजी ने 30 दिसंबर 1943 को पोर्ट ब्लेयर में पहली बार भारतीय जमीन पर तिरंगा फहराया था. झंडा फहराकर नेताजी ने सांकेतिक तौर पर आजाद हिंद सेना के 1943 के अंत तक भारतीय जमीन पर खड़े रहने के अपने वादे को पूरा ...
इससे पहले भी वर्ष 2000 में नये राज्य के गठन के बाद 2014 तक पिछले कई वर्षों में 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश दिया जाता रहा है। हालांकि, वर्ष 2015 से 2019 तक 23 जनवरी के दिन मिलने वाली छुट्टी बन्द हो गयी थी। ...
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पौत्र एवं पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष चंद्र बोस ने केंद्र से आग्रह किया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत मुस्लिमों को भी नागरिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को मुद्दे पर एक लिखित स्पष्टीकरण जारी कर ...
सुब्रमण्यन स्वामी ने मंच सरकार को वैचारिक भिन्नता वाले छात्रों की सफाई की भी सलाह भी दे दी। भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार को कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘‘काफी खराब स्थिति’’ में है और निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘‘कर ...
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की पड़पोती और हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने कहा, ‘‘देश की स्वतंत्रता में गांधीजी की भूमिका ठीक वैसी ही थी, जैसी महाभारत में भीष्म पितामह की। वह देश विभाजन देखते रहे और सत्ता के लालची नेताओं को रोका नहीं। ...
सुभाष चंद्र बोस को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी मां भारती के एक सच्चे सपूत का दर्जा हासिल है। उन्होंने 1943 में 21 अक्टूबर के दिन आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति के रूप में स्वतंत्र भारत की प्रांतीय सरकार बनाई। 23 जनवरी 1897 को जन्मे सुभाष चंद्र बो ...
स्वतंत्रता सेनानी ने यहां से 170 किलोमीटर दूर लुंगलेई में रविवार दोपहर अंतिम सांस ली। जिला प्रशासन, सेना, अर्द्धसैनिक बलों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और भूतपूर्व सैनिक उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे। ...
साल 1939 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने 22 जून के ही दिन ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। कांग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन के बाद नेताजी ने 1939 में कांग्रेस को जनता की स्वतंत्र होने की इच्छा, लोकतंत्र और क्रांति का प्रतीक बनाने के लिए कांग्रेस के भी ...