आजाद हिंद फौज का हिस्सा रहे एकमात्र जीवित सदस्य डर्थावमा का निधन

By भाषा | Published: July 22, 2019 06:47 AM2019-07-22T06:47:37+5:302019-07-22T06:47:37+5:30

स्वतंत्रता सेनानी ने यहां से 170 किलोमीटर दूर लुंगलेई में रविवार दोपहर अंतिम सांस ली। जिला प्रशासन, सेना, अर्द्धसैनिक बलों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और भूतपूर्व सैनिक उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे।

Mijoram: Darthavama a member of the Azad Hind Fauj died | आजाद हिंद फौज का हिस्सा रहे एकमात्र जीवित सदस्य डर्थावमा का निधन

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज का हिस्सा रहे इसके एकमात्र मिजोरमवासी जीवित सदस्य डर्थावमा का रविवार सुबह दक्षिण मिजोरम के लुंगलेई में निधन हो गया। वह 99 वर्ष के थे। उनके परिवार ने बताया कि डर्थावमा के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।

स्वतंत्रता सेनानी ने यहां से 170 किलोमीटर दूर लुंगलेई में रविवार दोपहर अंतिम सांस ली। जिला प्रशासन, सेना, अर्द्धसैनिक बलों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और भूतपूर्व सैनिक उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचे।

उनके परिवार में छह बच्चे, 19 पौत्र-पौत्री और 28 प्रपौत्र-प्रपौत्रियां हैं। डर्थावमा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 27 नवंबर 1940 को ब्रिटिश भारतीय सेना की सैन्य मेडिकल कोर में शामिल हुए थे।

1942 की शुरुआत में मलेशिया के पेनांग द्वीप पर तैनाती के दौरान उन्हें जापानी इम्पीरियल आर्मी ने पकड़ लिया था।

ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ाई के लिए मई 1942 में वह आजाद हिंद फौज का हिस्सा बने।

आजाद हिंद फौज में शामिल होने के दो साल बाद 1944 में ब्रिटिश सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया। हालांकि महात्मा गांधी के दखल के बाद 15 जनवरी 1945 को उन्हें लखनऊ जेल से रिहा कर दिया गया।

आजादी की लड़ाई में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 1972 में उन्हें ‘ताम्रपत्र पुरस्कार’ से सम्मानित किया।

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