पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष को आम बोलचाल की भाषा में श्राद्ध पक्ष के नाम से जाना जाता है। वर्ष 2023 में श्राद्ध पक्ष 29 सितंबर, 2023 से शुरू होने जा रहा है। ...
वाराणसी के पिशाचमोचन कुंड में पितृपक्ष के दौरान लाखों लोगों द्वारा पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए किये गये पिंडदान से सैकड़ों-हजारों मछलियों की मौत हो चुकी है। ...
Indira Ekadashi 2022: इस वर्ष इंदिरा एकादशी व्रत 21 सितंबर को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत हर साल आश्विन मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। ...
Sarva Pitri Amavasya 2022 Date: इस साल 25 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है। इसी दिन पितृ विसर्जन होता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती में विचरण करने आते हैं और आश्विन माह की अमावस्या के दिन पुनः परलोक चले जाते हैं। ...
पिशाच मोचन कुंड काशी के लहुराबीर क्षेत्र में स्थित है। वैसे तो इस कुंड की महत्ता साल भर रहती है लेकिन पितृपक्ष में इसकी महत्ता विशेषतौर पर बढ़ जाती है क्योंकि यहां पर त्रिपिंडी श्राद्ध होता है। ...