जस्टिस एन वेंकट रमण का जन्म आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में 27 अगस्त 1957 में हुआ था। वे भारत के 48वें चीफ जस्टिस हैं। साल 1983 में उन्होंने वकालत के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। एन वेंकट रमण दिल्ली हाई कोर्ट के भी मुख्य न्यायाधिश रह चुके हैं। Read More
22 जुलाई 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक भारत के 25 उच्च न्यायालयों में 55 लाख से भी ज्यादा केस पेंडिग हैं। ये लिखित जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कुछ दिनों पहले दी है। ...
देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में कहा कि देश का संविधान सभी नागरिकों से लिए समान दृष्टि रखता है और देश के नागरिकों को अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की मौजूदगी में पहले पहले अखिल भारतीय जिला कानूनी सेवा प्राधिकरणों के उद्घाटन सत्र का आयोजन हुआ। इस दौरान प्रधाममंत्री ने कहा कि न्याय की सहजता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि व्यापार की सहजता और ...
सीजेआई ने कहा मीडिया को अपने प्रभाव और व्यावसायिक हितों का विस्तार करने के लिए एक उपकरण के रूप में इसका उपयोग किए बिना खुद को ईमानदार पत्रकारिता तक सीमित रखना चाहिए। ...
द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। द्रौपदी मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी बन गई हैं। ...
द्रौपदी मुर्मू आज देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने वाली हैं। साल 1997 में उन्होंने ओडिशा रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। ...
चीफ जस्टिस एन.वी.रमण ने कहा है कि आज अदालतों में बड़ी संख्या में मामले लंबित होने की अहम वजहों में से से न्यायिक पदों की रिक्तियों को न भरा जाना भी शामिल है। ...