CJI एनवी रमण ने फिर मीडिया को दी नसीहत, कहा- खुद को ईमानदार पत्रकारिता तक सीमित रखे
By रुस्तम राणा | Published: July 26, 2022 08:58 PM2022-07-26T20:58:29+5:302022-07-26T21:17:31+5:30
सीजेआई ने कहा मीडिया को अपने प्रभाव और व्यावसायिक हितों का विस्तार करने के लिए एक उपकरण के रूप में इसका उपयोग किए बिना खुद को ईमानदार पत्रकारिता तक सीमित रखना चाहिए।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने एकबार फिर से मीडिया को उसकी जिम्मेदारी को लेकर नसीहत दी है। सीजेआई ने कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ है। पत्रकार जनता के आंख-कान होते हैं। विशेष रूप से भारतीय सामाजिक परिदृश्य में तथ्यों को प्रस्तुत करना मीडिया घरानों की जिम्मेदारी है। लोग अब भी मानते हैं कि जो कुछ भी छपा है वह सच है।
दिल्ली में शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि मीडिया को अपने प्रभाव और व्यावसायिक हितों का विस्तार करने के लिए एक उपकरण के रूप में इसका उपयोग किए बिना खुद को ईमानदार पत्रकारिता तक सीमित रखना चाहिए।
इमरजेंसी का हवाला देते हुए सीजेआई ने कहा कि केवल मीडिया घरानों के पास व्यावसायिक सामान नहीं था, जो आपातकाल के काले दिनों में लोकतंत्र के लिए लड़ने में सक्षम थे। मीडिया घरानों की वास्तविक प्रकृति का निश्चित रूप से समय-समय पर आकलन किया जाएगा और परीक्षण के समय उनके आचरण से उचित निष्कर्ष निकाला जाएगा।
Independent journalism is the backbone of democracy. Journalists are the eyes & ears of the people. It is the responsibility of media houses to present facts, especially in the Indian social scenario. People still believe that whatever is printed is true:CJI NV Ramana
— ANI (@ANI) July 26, 2022
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इससे पहले सीजेआई ने शनिवार को झारखंड में एक कार्यक्रम मीडिया को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा, हम देख रहे हैं कि मीडिया मनमानी अदालतें चला रहे हैं। इसके चलते कई बार तो अनुभवी न्यायाधीशों को भी सही और गलत का फैसला करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा, मीडिया द्वारा कई न्यायिक मुद्दों पर गलत सूचना और एजेंडा चलाना लोकतंत्र के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।