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नागराज मंजुले

Nagraj-manjule, Latest Marathi News

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नागराज मंजुले का जन्म सोलापुर जिले के करमाला तहसील के पिछड़े गांव जेऊर में हुआ था। घर में गरीबी होने के कारण नागराज के पिता पोपटराव से उनके भाई बाबुराव मंजुले ने उन्हें गोद लिया। मंजुले सिर्फ 19 साल के थे, तब उनकी शादी हो गई। उस वक्त वह 12वीं में पढ़ रहे थे। नागराज मंजुले ने साल 209 में Pistulya से निर्देशन में कदम रखा था। 2014 में, उन्होंने अपनी पहली फीचर फिल्म फैंड्री बनाई। फिल्म को काफी आलोचनात्मक प्रशंसा मिली लेकिन सिनेमाघरों में प्रभाव डालने में असफल रही।  फैंड्री के लिए मंजुले को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का मराठी फिल्म फेयर, इंदिरा गांधी अवॉर्ड, बेस्ट फर्स्ट फिल्म अवॉर्ड मिल चुका है। वहीं साल 2009 में उनके निर्देशन में रिलीज हुई फिल्म पिस्तुल्या के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया। 2016 में ही सैराट फिल्म को 69 वें नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया है।इसके अलावा पावसाला निबंधन के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कम लोगों को पता है कि मंजुले एक अच्छे कवि भी हैं। मंजुले की मराठी कविताओं पर बेस्ड किताब 'उन्हाच्या कटाविरुद्ध' को भैरुरतन दमानी साहित्य पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।