भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
झारखंड विधानसभा में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के मंगलवार को दिये अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान चर्चा प्रारंभ होते ही कांग्रेस के इरफान अंसारी ने जून, 2018 में झारखंड में तबरेज अंसारी की भीड़ द्वारा की गई हत्या में भाजपा और आरएसएस के लोगों का हाथ ...
सुनवाई के दौरान इनके अधिवक्ता ए.के.साहनी ने पीठ को बताया कि तबरेज अंसारी मामले में इनका नाम प्राथमिकी में नहीं है और न ही नामजद आरोपित पप्पू मंडल ने पुलिस को दिए अपने बयान में इनका नाम लिया है। इस सब के बावजूद सभी आरोपी लगभग छह माह से जेल में बंद हैं ...
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि इस बारे में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और राष्ट्रपति शासन वाले राज्यों के राज्यपालों को पत्र लिखकर सुझाव मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्यों से आपर ...
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस घटना को लेकर संगरूर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है। आयोग की अध्यक्ष तेजिंदर कौर ने शुक्रवार को कहा कि मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिलने के बाद आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान ल ...
कटिहार सदर अनुमंडल पुलिस अधिकारी अनिल कुमार ने मंगलवार को बताया कि मृतक का नाम मोहम्मद जमाल (30) है। उन्होंने हत्या के पीछे व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा होने की आशंका व्यक्त करते हुए बताया कि मृतक के परिजन रंगदारी की मांग किए जाने बात कर रहे हैं। ...
मृतक शाहिद के पिता नसीम अहमद ने बताया कि मोहल्ले के ही दो बच्चों ने उसे बताया था कि मोबाइल फोन पर कुछ देखने को लेकर हुए विवाद में कुछ लोगों ने शाहिद को बुरी तरह मारा-पीटा है। ...