Citizenship (amendment) bill 2016, Latest Hindi News
नागरिकता (संशोधन) विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आने वाले गैर-मुसलमानों के लिए लाया गया है. इनमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक शामिल हैं. इन समुदायों को 12 साल के बजाय अब केवल छह साल भारत में गुजारने पर ही भारतीय नागरिकता मिल जाएगी। इन अल्पसंख्यकों को अब किसी और देश से भारत आने की यात्रा से जुड़े दस्तावेज भी नहीं देने होंगे। Read More
कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), और वामपंथी दलों ने अपने व्यक्तिगत इरादों के मसौदे इस मामले में तैयार किए हैं। आपको बता दें कि चार विपक्षी दलों द्वारा सदन में बिल के विपक्ष में दिए गए संभावित तर्क इस बात का विरोध करेंगे कि बिल भारत की नागरिक ...
नागरिकता (संशोधन) विधेयकः पीएम मोदी ने कहा कि वह इसके सभी पहलुओं को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की विशेष तौर पर सराहना करते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने (शाह) लोकसभा में चर्चा के दौरान विभिन्न सांसदों द्वारा उठाये गए बिंदुओं के वि ...
नागरिकता संशोधन बिलः विधेयक में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिये आवेदन करने से नहीं वंचित करने की बात कही गई है। ...
नागरिकता संशोधन विधेयकः अमित शाह ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो मुझे बिल लाने की जरूरत ही नहीं होती। सदन को ये स्वीकार करना होगा कि धर्म के आधार पर विभाजन हुआ है। जिस हिस्से में ज्यादा मुस्लिम रहते थे वो पाकिस्तान बना और दूसरा ह ...
‘नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019’ पर चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि उनकी पार्टी इस पक्ष में है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को यहां सम्मान दिया जाए, लेकिन इसमें श्रीलंका में पीड़ा झेलने वाले तमिलों को भ ...
चौधरी ने लोकसभा में विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि हमारे विरोध करने से सदन के बाहर माहौल बनाया जाएगा कि कांग्रेस हिंदू विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि हम विधेयक में पीड़ितों को नागरिकता देने का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि धार्मिक आधार पर न ...