नागरिकता संशोधन विधेयक तीखी बहस के बाद आधी रात को लोकसभा से हुआ पारित, पक्ष में पड़े 311 वोट

By रामदीप मिश्रा | Published: December 10, 2019 12:06 AM2019-12-10T00:06:53+5:302019-12-10T00:14:32+5:30

नागरिकता संशोधन बिलः विधेयक में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिये आवेदन करने से नहीं वंचित करने की बात कही गई है।

citizenship amendment bill passed in lok sabha at midnight | नागरिकता संशोधन विधेयक तीखी बहस के बाद आधी रात को लोकसभा से हुआ पारित, पक्ष में पड़े 311 वोट

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Highlightsविधेयक पर आधी रात तक गरमा गरम चर्चा हुई, जिसके बाद इसे लोकसभा से मंजूरी मिल गई।अमित शाह ने बिल को लेकर उठाए गए सवालों का बारी-बारी से जवाब दिया और कहा कि  बिल लाखों- करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति दिलाने का जरिया बनने जा रहा है।

लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया गया, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है। विधेयक पर आधी रात तक तीखी बहस हुई। इसके बाद बिल को पास कराने के लिए वोटिंग हुई, पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में मात्र 88 वोट पड़े और बिल लोकसभा से पास हो गया।

इस बीच गृहमंत्री अमित शाह ने बिल को लेकर उठाए गए सवालों का बारी-बारी से जवाब दिया और कहा कि  बिल लाखों- करोड़ों शरणार्थियों को यातनापूर्ण जीवन से मुक्ति दिलाने का जरिया बनने जा रहा है। इस बिल के माध्यम से उन शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम होगा। कई सदस्यों ने आर्टिकल-14 का हवाला देते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। मैं कहना चाहता हूं कि किसी भी तरह से ये बिल गैर संवैधानिक नहीं है। न ही ये आर्टिकल-14 का उल्लंघन करता है। 

उन्होंने कहा कि इतना कहना चाहता हूं कि माइनॉरिटी में कोई डर की भावना नहीं है, अगर है तो भी मैं अपने सभी अल्पसंख्यक भाई बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी जी के प्रधानमंत्री रहते हुए इस देश में किसी भी धर्म के नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि एनआरसी और सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल ट्रैप है। लेकिन इसमें कोई ट्रैप नहीं है। उन लोगों को ये ट्रैप जरूर लग सकता है जो वोटबैंक के लिए घुसपैठियों का संरक्षण करते हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। 

अमित शाह ने कहा कि वोट बैंक के लालच में अगर आंख अंधी और कान बहरे हो गए हैं तो उन्हें खोल लीजिए। करोड़ों लोगों के साथ अन्याय हुआ है। जो नर्क की यातना झेल रहे हैं, जिन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही, उन लोगों की यातनाओं से मुक्ति के लिए मोदी जी ये बिल लाए हैं। 

शाह ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते की गलती को आज मोदी जी ने सुधारने का काम किया है। 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 1 हजार लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। UNHRC की रिपोर्ट के अनुसार अब दूसरे धर्मों के मात्र 20 धार्मिक स्थान ही पाकिस्तान में बचे हैं। 

बता दें कि विधेयक में हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिये आवेदन करने से नहीं वंचित करने की बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई ऐसा व्यक्ति नागरिकता प्रदान करने की सभी शर्तो को पूरा करता है तब अधिनियम के अधीन निर्धारित किये जाने वाला सक्षम प्राधिकारी, अधिनियम की धारा 5 या धारा 6 के अधीन ऐसे व्यक्तियों के आवेदन पर विचार करते समय उनके विरूद्ध अवैध प्रवासी के रूप में उनकी परिस्थिति या उनकी नागरिकता संबंधी विषय पर विचार नहीं करेगा।

भारतीय मूल के बहुत से व्यक्ति जिनमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के उक्त अल्पसंख्यक समुदायों के व्यक्ति भी शामिल हैं, वे नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5 के अधीन नागरिकता के लिए आवेदन करते हैं। किंतु यदि वे अपने भारतीय मूल का सबूत देने में असमर्थ है, तो उन्हें उक्त अधिनियम की धारा 6 के तहत ‘‘देशीयकरण’’ द्वारा नागरिकता के लिये आवेदन करने को कहा जाता है। यह उनको बहुत से अवसरों एवं लाभों से वंचित करता है। 

Web Title: citizenship amendment bill passed in lok sabha at midnight

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