विंबलडन 2018: एंजेलिक कर्बर ने दूसरी बार फाइनल में बनाई जगह, इनसे होगा मुकाबला
By भाषा | Updated: July 12, 2018 20:14 IST2018-07-12T20:14:17+5:302018-07-12T20:14:17+5:30
जर्मनी की एंजेलिक कर्बर ने पूर्व फ्रेंच ओपन चैंपियन येलेना ओस्टापेंको को सीधे सेटों में हराकर दूसरी बार विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया।

Wimbledon 2018: Angelique Kerber beats Jelena Ostapenko to reach in final
लंदन, 12 जुलाई। जर्मनी की एंजेलिक कर्बर ने पूर्व फ्रेंच ओपन चैंपियन येलेना ओस्टापेंको को सीधे सेटों में हराकर दूसरी बार विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश किया। इस 11वीं वरीयता प्राप्त जर्मन खिलाड़ी ने लाटविया की 12वीं वरीय ओस्टापेंको को केवल 67 मिनट में 6-3, 6-3 से हराया। कर्बर अब स्टेफी ग्राफ के बाद विंबलडन जीतने वाली दूसरी जर्मन महिला खिलाड़ी बनने की करीब पहुंच गई हैं। ग्राफ ने अपना आखिरी विंबलडन खिताब 1996 में जीता था।
फाइनल में कर्बर के सामने ये खिलाड़ी
कर्बर खिताबी मुकाबले में सात बार की चैंपियन सेरेना विलियम्स और एक अन्य जर्मन खिलाड़ी 13वीं वरीयता प्राप्त जूलिया गोर्जेस के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से भिड़ेगी। दो बार की ग्रैंडस्लैम चैंपियन कर्बर को ओस्टापेंको को हराने में खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी, क्योंकि लाटविया की खिलाड़ी ने कई असहज गलतियां की। कर्बर ने केवल दस विनर जमाये लेकिन यह उनकी जीत के लिए पर्याप्त थे।
कर्बर ने बाद में कहा कि मैंने केवल मौके भुनाने पर ध्यान दिया। मैं बहुत उत्साहित हूं। फिर से फाइनल में जगह बनाकर अच्छा लग रहा है। सेंटर कोर्ट पर खेलना हमेशा खास होता है। इससे पहले कर्बर 2016 में भी विंबलडन फाइनल में पहुंची थी लेकिन तब सेरेना से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
सेमीफाइनल में नडाल-जोकोविच का सामना
इस बीच पुरुष वर्ग के सेमीफाइनल में दो बार के चैंपियन और विश्व के नंबर एक खिलाड़ी राफेल नडाल का मुकाबला 12वीं वरीयता प्राप्त नोवाक जोकोविच से होगा। तीन बार के विंबलडन चैंपियन जोकोविच का नडाल के खिलाफ 26-25 का रिकॉर्ड है।
पुरुषों में पहला सेमीफाइनल दक्षिण अफ्रीका के आठवें वरीय केविन एंडरसन और अमेरिका के नौवें वरीय जान इस्नर के बीच खेला जाएगा। ये दोनों खिलाड़ी पहली बार विंबलडन के सेमीफाइनल में पहुंचे हैं। एंडरसन ने रोजर फेडरर को पांच सेट तक चले मैच में हराकर अंतिम चार में जगह बनाई थी। यही नहीं यह ओपन युग में पहला अवसर है जबकि पुरूष वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले सभी खिलाड़ी 30 साल से अधिक उम्र के हैं।