जकार्ता, 23 अगस्त: अंकिता रैना एशियन गेम्स सिंगल्स में मेडल जीतने वाली सानिया मिर्जा के बाद दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। अंकिता को गुरुवार को खेले गए सिंगल्स सेमीफाइनल में दुनिया की 34वीं रैंक वाली चीन की शुआई झांग ने सीधे सेटों में 4-6, 6-7(6) से मात दी। इस हार के बावजूद रैना को ब्रॉन्ज मेडल मिला क्योंकि टेनिस में दोनों ही सेमीफाइनलिस्ट को ब्रॉन्ज मेडल मिलता है।
अंकिता रैना से पहले भारत के लिए टेनिस महिला सिंगल्स में मेडल सानिया मिर्जा ने 2006 में सिल्वर और 2010 में ब्रॉन्ज मेडल के रूप में जीता था। झांग से वर्ल्ड रैंकिंग में 155 स्थान नीचे की रैंक वाली अंकिता रैना ने चीनी खिलाड़ी के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया औऔर दूसरे सेट में उनकी सर्विस भी तोड़ी।
रैना के लिए ये साल उपलब्धियों भरा रहा है। एशियाड से पहले उन्होंने मार्च में 25 हजार डॉलर इनामी राशि वाले आईटीएफ टूर्नांमेंट का खिताब अपने नाम किया था जो उनका तीन सालों में पहला सिंगल्स खिताब है। इस जीत से पहले अंकिता ने अपना आखिरी सिंगल्स खिताब 2014 में आईटीएफ के रूप में ही जीता था।
पिछले छह महीने अंकिता के लिए किस्मत बदलने वाले रहे हैं। इस साल अप्रैल में वह रैंकिंग में टॉप-200 में जगह बनाने वाली सानिया मिर्जा, निरुपमा वैद्यनाथन, शिखा उबेरॉय और सुनीत राव के बाद पांचवीं भारतीय महिला खिलाड़ी बनी थीं।
इस उपलब्धि को हासिल करने के बाद आईटीएफ टूर्नामेंट खेलने के लिए जापान गईं अंकिता रैना अपने होटल के कमरे में रो पड़ी थीं। तब उन्होंने कहा था कि ये वह सपना था जिसे वह हमेशा से हासिल करना चाहती थीं और ये उनके कई सालों के संघर्ष और त्याग का परिणाम है।