'देशी टिकटॉक' का रास्ता है कठिन, इसलिए फेल हो सकते हैं भारतीय ऐप

By रजनीश | Published: July 6, 2020 07:03 AM2020-07-06T07:03:25+5:302020-07-06T07:03:25+5:30

चाइनीज एप टिकटॉक बंद होने के बाद देशी 'टिकटॉक' की भरमार है लेकिन एक्सपर्ट्स और इन्वेस्टर्स के मुताबिक इन सभी भारतीय ऐप का टिकटॉक की तरह लोकप्रिय हो पाना आसान नहीं है।

Tough road for TikTok clones | 'देशी टिकटॉक' का रास्ता है कठिन, इसलिए फेल हो सकते हैं भारतीय ऐप

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsतेजी से बदलते डिजिटल मार्केट में ऐप तभी सफल हो सकता है, जब वह यूजर्स को इतना पसंद आए कि ऐप पर इंगेजमेंट बढ़े। किसी ऐप के लाखों की संख्या में डाउनलोड्स तब तक मायने नहीं रखते, जब तक यूजर्स को ऐप इस्तेमाल करने की आदत ना लग जाए। 

हाल ही में चाइनीज ऐप्स पर लगाए गए बैन के बाद टिकटॉक, लाइकी (Likee) जैसे ऐप अब भारत में बंद हो चुके हैं। इसके बाद से ही टिकटॉक के विकल्प के रूप में कई सारे ऐप उभर कर सामने आए हैं। इन ऐप को काफी ज्यादा डाउनलोड भी किया जा रहा है। 

इनमें टिकटॉक के मुकाबले रोपोसो, चिंगारी और मित्रों जैसे ऐप काफी चर्चा में हैं लेकिन इन्वेस्टर्स का मानना कुछ और है। इन्वेस्टर्स का मानना है कि डाउनलोड्स बढ़ना केवल पहला कदम है।

ईटी की खबर के मुताबिक एक्सपर्ट्स और इन्वेस्टर्स की मानें तो यूजर्स को अपने ऐप पर बनाए रखना और उनको एप का आदी बनाना असली चुनौती है। जिससे यूजर्स ऐप को लगातार इस्तेमाल करते रहें। 

यूजर्स की इंगेजमेंट बताती है ऐप की सफलता
तेजी से बदलते डिजिटल मार्केट में ऐप तभी सफल हो सकता है, जब वह यूजर्स को इतना पसंद आए कि ऐप पर इंगेजमेंट बढ़े। इंडस्ट्री डेटा की मानें तो 12 से 15 प्रतिशत रिटेंशन रेट भी किसी शॉर्ट विडियो ऐप के लिए अच्छा माना जाता है।

करोड़ों का इन्वेस्टमेंट
किसी ऐप के लाखों की संख्या में डाउनलोड्स तब तक मायने नहीं रखते, जब तक यूजर्स को ऐप इस्तेमाल करने की आदत ना लग जाए। 

रेकमेंडेशन इंजन है महत्वपूर्ण
टिकटॉक जैसा पावरफुल और पॉपुलर ऐप बनाने के लिए टॉप नॉच इंजिनियरिंग के अलावा एक पर्सनलाइजेशन और रेकमेंडेशन इंजन और इंटेलीजेंस की जरूरत होगी। 

यही रेकमेंडेशन इंजन यूजर्स को विडियो सजेस्ट करता है कि उन्हें कैसे वीडियो पसंद आते हैं। इस काम के लिए मार्केटिंग से लेकर यूजर और क्रिएटर्स तैयार करने के लिए करोड़ों रुपये का इन्वेस्टमेंट चाहिए।

इंडियन ऐप की दिक्कतें
भारत में बने टिकटॉक जैसे ऐप में कई बग्स और सर्वर से जुड़ी दिक्कतें आ रही हैं। इसके साथ ही यूजर्स डेटा सिक्यॉरिटी को लेकर भी भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। 

क्रैश हो रहे हैं ऐप
एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई ऐप क्रैश हो रहे हैं वहीं कुछ में नए यूजर्स को साइन-अप करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार पुराने यूजर्स ही अपने अकाउंट को दोबारा लॉग-इन नहीं कर पाने के समस्या का सामना कर रहे हैं। 

ऐप को ब्रांड बनाना है कठिन
ऐसे में एक ऐप बनाने और उसे ब्रैंड बनाने में फर्क है। टिकटॉक ऐप के पीछे दुनिया का सबसे पावरफुल स्टार्टअप बाइटडांस (ByteDance) है। इस ऐप को भारत में 66 करोड़ बार डाउनलोड किया गया था।

Web Title: Tough road for TikTok clones

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