नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) एप जैसे गूगल पे, फोनपे, पेटीएम (PhonePe, Gpay, Paytm) को लेकर एक खबर सामने आई है। इस खबर के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर्स (TPAP) द्वारा चलाई जाने वाली यूपीआई पेमेंट सर्विस पर लिमिट यानी कैप लगाने का विचार कर रहा है।
ऐसे में इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) से बातचीत हो रही है और जल्द ही इस पर कोई फैसला आ सकता है। इससे पहले केन्द्र सरकार ने यह साफ कर दिया था कि यूपीआई पेमेंट सर्विस के लिए कोई भी चार्ज नहीं लगेगा और पहले की तरह अब भी बिना कोई फीस दिए हुए उपभोक्ता यूपीआई पेमेंट कर सकते है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, एनपीसीआई ने 30 फीसदी वॉल्यूम कैप यानी किसी भी यूपीआई पेमेंट सर्विस पर 30 फीसदी की लिमिट लगाने का प्रस्ताव दिया गया था जिसे लागू करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2022 तय की गई थी।
इस पर विचार करने के लिए एनपीसीआई के अधिकारियों के अलावा वित्त मंत्रालय और आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों भी शामिल हुए थे। सूत्रों की माने तो एनपीसीआई इस पर अभी विचार कर रहा है और 31 दिसंबर की डेडलाइन को बढ़ाने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। आपको बता दें कि फिलहाल थर्ड पार्टी के जरिए यूपीआई ट्रांजेक्शन के लिए कोई सीमा नहीं है।
इसी महीने हो सकता है कुछ फैसला
सूत्रों के अनुसार, एनपीसीआई फिलहाल सभी संभावनाओं पर विचार कर रहा है और इस पर जल्द ही कोई फैसला लिया जा सकता है। आपको यह भी बता दें कि इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स जिसमें ने यह अनुरोध किया है कि 31 दिसंबर की डेडलाइन को और आगे बढ़ा दिया जाए, लेकिन एनपीसीआई द्वारा डेडलाइन को आगे बढ़ाने पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सूत्रों की माने तो इसी महीने के अंत में इस पर कोई फैसला लिया जा सकता है। आपको बता दें कि गूगल पे और फोनपे की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर करीब 80 प्रतिशत हो गई है।