पतंजलि का 'Kimbho' इस अमेरिकी ऐप का है कॉपी-पेस्ट, यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: June 2, 2018 09:29 AM2018-06-02T09:29:51+5:302018-06-02T09:29:51+5:30
लॉन्च के कुछ घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर इस ऐप को लेकर एक खबर वायरल होने लगी। दरअसल लोगों ने जब इस ऐप को देखा तो पाया कि पतंजलि का Kimbho ऐप हुबहू अमेरिकी मैसेजिंग ऐप 'बोलो' का कॉपी है।
नई दिल्ली, 1 जून: बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि ने स्वदेशी सिम को लॉन्च करने के बाद बुधवार को सोशल मीडिया ऐप Kimbho को लॉन्च किया था। कंपनी ने दावा किया है कि यह एक स्वदेशी ऐप है जो यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखेगा। लेकिन ऐप के लॉन्च होने के कुछ घंटे बाद ही यह ट्वीटर पर ट्रोल होने लगा।
इस ऐप को लॉन्च करते समय पतंजलि के प्रवक्ता एस.के.तिजारावाला ने ट्वीट किया, 'अब भारत बोलेगा.! सिम कार्ड के बाद बाबा रामदेव ने लॉन्च किया मैसेजिंग ऐप Kimbho, व्हाट्सऐप को मिलेगी टक्कर.. अपना #स्वदेशी मैसेजिंग प्लेटफार्म। गूगल प्ले स्टोर से सीधे डाउनलोड करें'।
#किम्भो संस्कृत में हाल-चाल पूछने और खैर-खबर लेने के लिए आम संवाद में प्रयोग होता है जैसे हम बोलते हैं "किम्भो भैया" यानी..क्या हाल है भैया और क्या चल रहा है, क्या खबर है?
— tijarawala sk (@tijarawala) May 30, 2018
अब भारत बोलेगा..किम्भो
अब भारत पूछेगा ..किम्भो@narendramodi@yogrishiramdev@bst_official@Ach_Balkrishnahttps://t.co/6viDpigQHM
जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि कंपनी ने इस ऐप के पूरी तरह से स्वदेशी होने का दावा किया है। साथ ही इस ऐप के जरिए इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप Whatsapp को टक्कर देने की बात कही जा रही थी। ऐसे में लॉन्च के कुछ घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर इस ऐप को लेकर एक खबर वायरल होने लगी। दरअसल लोगों ने जब इस ऐप को देखा तो पाया कि पतंजलि का Kimbho ऐप हुबहू अमेरिकी मैसेजिंग ऐप 'बोलो' का कॉपी है। इस ऐप को कैलिफोर्निया की कंपनी फ्रीमोंट ने बनाया है।
So @yogrishiramdev whitelabled Bolo Messenger app (startup based in Fremont, CA, USA) and now marketing it is as a Swadeshi Product 😂😂 pic.twitter.com/zzJbe2imtv
— Kapil (@kapsology) May 31, 2018
Kimbho से जुड़ी खबरों के बाद Alt News ने जब इसकी जांच की तो पाया कि इसे गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। लेकिन एप्पल के प्ले स्टोर में यह डाउनलोड के लिए अभी भी मौजूद है। यूजर द्वारा इस ऐप को इंस्टॉल करने के दौरान पाया गया कि कई जगहों पर उसे 'Bolo' पर रेफर किया जा रहा है। इससे यह पता चलता है कि किम्भो ऐप को 'बोलो चैट' से रिब्रांड किया गया है।
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ऐप के इंस्टॉल होने के बाद किम्भो से यह मैसेज मिला जिसमें लिखा था कि यह 'भारत का पहला मैसेजिंग ऐप' है। इसके बाद किम्भो ऐप की वेबसाइट (www.kimbho.com) की जांच की गई जिसमें पाया गया कि वेबसाइट को भी हटा लिया गया है। लेकिन उन्होंने कैश्ड वर्जन को ओपन कर लिया। किम्भो के ट्विटर पर पोस्ट की गई फोटो में भी बोलो टीम का जिक्र किया गया है।
जांच के दौरान पाया कि Bolo ऐप को 2 साल पहले फरवरी 2016 में लॉन्च किया गया था। बोलो ऐप के फेसबुक पेज से इस बात की जानकारी मिली है।
फेसबुक पर इसकी वेबसाइट www.bolo.chat बताई गई है लेकिन अब इस वेबसाइट को एक्सेस नहीं किया जा सकता है। हालांकि गूगल पर bolo.chat डालने पर बोलो ऐप और पतंजलि के बीच के कनेक्शन को देखा जा सकता है।
वहीं, गूगल प्ले स्टोर से बोलो चैट को डिलीट कर दिया गया है लेकिन ऐप के कैश्ड वर्जन से पता चला है कि बोलो चैट को पतंजलि ने टेकओवर कर लिया है।
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यहां दी गई तस्वीर में आप देख सकते हैं कि पतंजलि की टीम ने पहले से मौजूद Bolo Chat को रीब्रांड किया है। जिसके बाद भी इस ऐप को स्वदेशी ऐप के तौर पर पेश किया जा रहा है।
ऐसे में पतंजलि के किम्भो ऐप को लेकर उठ रहे सवालों से कंपनी कटघरे में नजर आ रही है। फिलहाल, Kimbho ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।