PSLV-C56 launch: पीएसएलवी का 56वां मिशन, 30 जुलाई को सुबह 6.30 बजे उड़ान भरने के लिए तैयार, सात उपग्रह के साथ अंतरिक्ष में रचेगा इतिहास, जानें
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 29, 2023 04:27 PM2023-07-29T16:27:01+5:302023-07-29T16:29:01+5:30
PSLV-C56 launch: PSLV-C56 30 जुलाई, 2023 को सुबह 6.30 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के लिए तैयार है।
PSLV-C56 launch: पीएसएलवी-सी56 प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आयोजित यह मिशन ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का 56वां मिशन है।
PSLV-C56 30 जुलाई, 2023 को सुबह 6.30 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के लिए तैयार है। इस मिशन का मुख्य पेलोड डीएस-एसएआर उपग्रह है, जो एक सिंथेटिक-एपर्चर रडार (एसएआर) है जो वस्तुओं की द्वि-आयामी छवियां या त्रि-आयामी पुनर्निर्माण बनाता है।
🇮🇳PSLV-C56/🇸🇬DS-SAR Mission:
— ISRO (@isro) July 29, 2023
The countdown leading to the launch on July 30, 2023, at 06:30 Hrs. IST has commenced.
Brochure: https://t.co/uwlOR8HuXR
यह उपग्रह सिंगापुर की विभिन्न सरकारी एजेंसियों और एसटी इंजीनियरिंग के वाणिज्यिक ग्राहकों की इमेजरी आवश्यकताओं को पूरा करेगा। डीएस-एसएआर के साथ, छह सह-यात्री उपग्रह भी लॉन्च किए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक अद्वितीय उद्देश्यों और क्षमताओं के साथ होगा।
PSLV-C56 को अपने पूर्ववर्ती, C55 के समान, इसके कोर-अलोन मोड में कॉन्फ़िगर किया गया है। यह ठोस और तरल प्रणोदन प्रणाली के बीच बारी-बारी से चलने वाला चार चरणों वाला रॉकेट है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष जांच प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण महत्व रखता है।
🇮🇳PSLV-C56🚀/🇸🇬DS-SAR satellite 🛰️ Mission:
— ISRO (@isro) July 24, 2023
The launch is scheduled for
📅 July 30, 2023
⏲️ 06:30 Hrs. IST
🚩First launch pad SDSC-SHAR, Sriharikota. @NSIL_India has procured PSLV-C56 to deploy the DS-SAR satellite from DSTA & ST Engineering, Singapore
and 6 co-passenger… pic.twitter.com/q42eR9txT7
आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के डीएस-एसआरए उपग्रह और अन्य छह उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए शनिवार को उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने यह जानकारी दी।
इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी55/टीलियोस-2 के अप्रैल में हुए सफल प्रक्षेपण के बाद कल के मिशन को अंजाम दिया जा रहा है और इस मिशन से सिंगापुर के लोगों की जरूरतें पूरी होंगी। इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी56 रडार मानचित्रण पृथ्वी प्रेक्षण उपग्रह डीएस-एसएआर प्राथमिक उपग्रह है, जिसे कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
इसके साथ ही न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के इस वाणिज्यिक मिशन में छह अन्य उपग्रहों को भी कक्षा में भेजा जाएगा। न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड इसरो की वाणिज्यिक इकाई है और सिंगापुर के ग्राहकों के लिए उपग्रह को प्रक्षेपित किया जाएगा। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में है।
इस अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम ‘लॉन्च पैड’ से 30 जुलाई को सुबह 06.30 बजे रॉकेट को प्रक्षेपित करने का कार्यक्रम है, जिसमें उपग्रहों को 535 किलोमीटर की ऊंचाई पर निकटवर्ती-भूमध्यरेखीय कक्षा (एनईओ) में स्थापित किए जाने की उम्मीद है। इसरो ने शनिवार को बताया, ‘‘पीएसएलवी-सी56/डीएस-एसएआर मिशन को 30 जुलाई, 2023 को सुबह 6.30 बजे प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है।’’
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि 360 किलोग्राम वजन वाला डीएस-एसएआर उपग्रह डीएसटीए (सिंगापुर सरकार का प्रतिनिधित्व) और एसटी इंजीनियरिंग, सिंगापुर के बीच साझेदारी के तहत विकसित किया गया है। प्रक्षेपण के बाद इस उपग्रह का उपयोग सिंगापुर सरकार की विभिन्न एजेंसियों की उपग्रह चित्रण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाएगा।
इसरो ने कहा कि उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने की क्षमता के लिए उसका विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी रविवार के मिशन में 58वीं उड़ान और ‘कोर अलोन कॉन्फ़िगरेशन’ के साथ 17वीं उड़ान को अंजाम देगा।
अन्य उपग्रहों में वेलोक्स-एएम 23 किलोग्राम का सूक्ष्म उपग्रह है, एआरसीएडीई (एटमॉस्फेरिक कपलिंग और डायनेमिक्स एक्सप्लोरर), प्रायोगिक उपग्रह स्कूब-II, 3यू नैनोसैटेलाइट, गैलासिया-2, ओआरबी-12 स्ट्राइडर शामिल हैं।