इन तरीकों से सुरक्षित रखें अपना डाटा, नहीं कर सकेगा कोई चोरी
By जोयिता भट्टाचार्या | Published: March 24, 2018 06:36 PM2018-03-24T18:36:28+5:302018-03-24T18:36:28+5:30
हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे तरीकों के बारें में जिनसे आप डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं।
टेक्नोलॉजी के बड़ते दौर ने सभी चीजों को मुमकिन बना दिया है। टेक्नोलॉजी ने हमारे काम को जितना आसान बना दिया है उतना ही हमारे लिए मुश्किल भरा भी। सीधे तौर पर कहा जाए तो टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में हमारे डाटा बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। हाल ही के कुछ सालों में डाटा चोरी के कई मामले देखने को मिले हैं, जिसमें हाल ही का फेसबुक का मामला है।
दरअसल, फेसबुक पर आरोप लग रहे हैं कि उसने करोड़ों यूजर्स का डाटा थर्ड पार्टी को अपने निजी फायदे के लिए बेचा है। डाटा चोरी का यह अब तक सबसे बड़ा मामला सामने आया है। ऐसे में हमें अपनी प्राइवेसी को लेकर सावधानी बढ़ाने की जरुरत है। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे तरीकों के बारें में जिनसे आप डाटा को सुरक्षित रख सकते हैं।
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सूचना को सुरक्षित रखें
अपनी संवेदनशील जानकारियों के बारे में किसी को भी न बताएं। अपने जरूरी डाटा को आपने जहां भी सेव रखा है, वहां के बारे में किसी को कोई जानकारी न दें। और वह सही से प्रोटेक्टेड हो।
अनजान सोर्स से डाउनलोड न करें
आपने अपना डाटा जहां सेव रखा है, उस डिवाइज पर किसी अनजान सोर्स से फाइल डाउनलोड ना करें। इससे हैकर्स आसानी से डाटा हैक कर लेते हैं।
अनकॉमन पासवर्ड रखें
किसी भी एक्सेस के लिए ऐसे पासवर्ड का इस्तेमाल करें, जिसे आसानी से क्रैक ना किया जा सके। इसके अलावा पासवर्ड को कुछ दिनों बाद-बाद बदलते रहें।
जरूरी फाइल या फोल्डर को आपस में करें शेयर
किसी भी तरह के डाटा को रिमूव करने से पहले कंपनी को आपस में फाइल और फोल्डर शेयर कर लेना चाहिए।
डाटा ट्रांसफर को करें सिक्योर
एक साथ बल्क में डाटा ट्रांसफर करते समय किसी सिक्योर कोरियर सर्विस और टैंपर प्रूफ पैकेजिंग का इस्तेमाल करें।
अनएन्क्रिटेड डिवाइस को कर दें बैन
कंपनी को उन डिवाइज को बैन कर देना चाहिए जिसे कोई तीसरा आसानी से एक्सेस कर सकता हों। अनएन्क्रिटेड लैपटॉप और बाकी पोर्टेबल डिवाइज के हैक होने का खतरा ज़्यादा होता है।
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ऑटोमैटिंग सुरक्षा
ऑटोमैटिंग सिस्टम लगातार पासवर्ड सेटिंग, सर्वर और फायरवॉल कंफिगेरेशन चेक करते रहते हैं। इससे संवेदनशील जानकारी के लीक होने का खतरा कम रहता है।
अनजान नेटवर्क की कर सकें पहचान
आपके पास एक ऐसी सिक्योरिटी टीम होनी चाहिए जो किसी अनजान नेटवर्क एक्टिविटी को तुरंत पहचान सके और अगर कोई साइबर अटैक होता है तो उससे लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हो।
डाटा ब्रिच की हो पूरी जानकारी
कर्मचारी और क्लाइंट के लिए डाटा ब्रीच से जुड़ी जानकारियों के लिए ट्रेनिंग होना ज़रुरी है, जिससे जागरुकता बनी रहे।