CCI की जांच में गूगल प्ले स्टोर बिलिंग नीति पाई गई 'अनुचित' और 'भेदभावपूर्ण', जल्द सुनाया जाएगा फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 31, 2022 08:01 PM2022-03-31T20:01:57+5:302022-03-31T21:09:08+5:30
सीसीआई के अतिरिक्त महानिदेशक ने प्ले स्टोर डेवलपर्स के लिए गूगल के विवादास्पद भुगतान बिलिंग सिस्टम पर लगाए गए आरोपों की जांच में इसे 'अनुचित और भेदभावपूर्ण' पाया है।
बेंगलुरु: भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच में प्ले स्टोर डेवलपर्स गूगल के विवादास्पद भुगतान बिलिंग सिस्टम में गड़बड़ी पाई गई है। सीसीआई के अतिरिक्त महानिदेशक ने प्ले स्टोर डेवलपर्स के लिए गूगल के विवादास्पद भुगतान बिलिंग सिस्टम पर लगाए गए आरोपों की जांच में इसे 'अनुचित और भेदभावपूर्ण' पाया है। सूत्रों ने कहा कि जांच के निष्कर्षों पर आगे की सुनवाई जल्द ही शुरू होगी।
गूगल को देना होगा जवाब, जिसके बाद होगा फैसला
सीसीआई की ओर से यह कहा गया है कि गूगल को इन नवीनतम निष्कर्षों पर नियामक के सामने अपना तर्क पेश करना होगा जिसके बाद ही इस मामले में फैसला दिया जाएगा। दरअसल कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया यानी सीसीआई की "जांच में यह पाया गया है कि सर्च इंजन गूगल अपने प्ले स्टोर बिलिंग नीति के लिए भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहा है।
गूगल ने G-पे को आगे बढ़ाने के लिए "खोज हेरफेर" का इस्तेमाल किया
गूगल पर लगाए गए आरोपों की जांच में यह पाया गया कि गूगल सभी डेवलपर्स और बड़े ईको-सिस्टम से जानकारी लेता था और ये आश्वस्त करता था कि गूगल प्ले स्टोर बिलिंग नीति लागू होने पर निश्चित रूप से डेवलपर्स को नुकसान होगा। इसके अलावा, नियामक ने अपनी जांच में यह पाया कि गूगल ने G-पे को आगे बढ़ाने के लिए "खोज हेरफेर" का इस्तेमाल किया। सूत्रों ने कहा कि सीसीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक को इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं।
प्ले स्टोर के पेमेंट सिस्टम से करवाने का दबाव डालता है गूगल
इससे पहले गूगल पर आरोप लगा था कि वह एप डवलपर्स पर पेड-एप व इन-एप पर्चेस (पैसा चुकाकर उपयोग किए जाने वाले एप व उपयोग के दौरान किए जाने वाले खर्च) को प्ले स्टोर के पेमेंट सिस्टम से करवाने का दबाव डालता है। सीसीआई ने 60 दिनों के भीतर गूगल पर लगे इन आरोपों की जांच पूरा करने को कहा था।