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World Hijab Day : मुस्लिम महिलाएं हिजाब क्यों पहनती हैं?

By उस्मान | Updated: February 1, 2019 08:51 IST

कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि पुरुष की यौन इच्छा को रोकने के लिए घूंघट किया जाता है। उनका यह भी मानना है कि सिर और शरीर को ढंकना इस्लाम से पहले था।

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वर्ल्ड हिजाब डे (World Hijab Day) 1 फरवरी को दुनियाभर के 140 देशों में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी धर्मों और पृष्ठभूमि की महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए प्रोत्साहित करना है। हिजाब एक अरबिक वर्ड है जिसका अर्थ 'कवर' है। हालांकि इसके कई नाम हैं और यह महिलाओं से जुड़ा है। मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहने देखा जा सकता है। चलिए जानते हैं कि मुस्लिम महिलाएं हिजाब क्यों पहनती हैं? 

मुस्लिम धर्म में हिजाब का महत्त्व

कुछ मुस्लिम समुदाय ऐसा मानते हैं कि इस्लाम के संस्थापक हजरत मोहम्मद पैगंबर साहब की पत्नियां उनसे घूंघट करती थी और इसलिए मुस्लिम महिलाओं को इसका पालन करने की सलाह दी जाती है। हालांकि कुछ विद्वान इस बात से असहमत हैं। उनका सवाल यह है कि अगर पैगंबर की पत्नियों द्वारा घूंघट करने के नियम क्या सभी मुस्लिम महिलाओं पर लागू होना सही है?  

क्या हिजाब से यौन इच्छा को रोकने में मदद मिलती है?

कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि पुरुष की यौन इच्छा को रोकने के लिए घूंघट किया जाता है। उनका यह भी मानना है कि सिर और शरीर को ढंकना इस्लाम से पहले था। वो इस बात पर भी जोर देते हैं कि इतिहास में यहूदी, ईसाई और हिंदू महिलाओं द्वारा सिर ढकने का भी उल्लेख है।  

हिजाब पहनने के यह भी हैं कुछ कारण

निश्चित रूप से हिजाब को धर्म के साथ ही जोड़कर देखा जाता है। लेकिन हिजाब केवल धर्म से नहीं जुड़ा है। महिलाएं इसे कई कारणों से पहनती हैं, जो समय और सामाजिक संदर्भ के आधार पर बदल सकते हैं।

फ्रांसीसी और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने मुस्लिम महिलाओं को घूंघट हटाने और यूरोपीय महिलाओं का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया। नतीजतन, उत्तरी अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों में, स्वतंत्रता और राष्ट्रवादी आंदोलनों के दौरान घूंघट राष्ट्रीय पहचान और पश्चिम के विरोध का प्रतीक बन गया।

कुछ महिलाएं अपनी जातीय पहचान पर गर्व करने के लिए हिजाब पहनती हैं। कई महिलाओं के लिए, हिजाब महिला सौंदर्य के मानकों के प्रतिरोध का एक साधन बन गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार, पश्चिमी देशों में महिलाओं को लगता है कि सिर ढकने से उन्हें काम मिलने में कठिनाई होती है।

कुछ महिलाएं हिजाब को एक सुविधा के रूप में देखती हैं। उनका मत है कि इससे उन्हें घर से बाहर, सड़क और काम पर उत्पीड़न जैसी घटनाओं से बचने में मदद मिलती है। हालांकि कुछ लोग इस बात पर भी जोर देते हैं कि जो महिलाएं नियमित रूप से हिजाब पहनती हैं, उन्हें भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है।

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