पूजा-पाठ के दौरान क्यों बजाया जाता है शंख, इन बीमारियों से मिलती है मुक्ति

By धीरज पाल | Published: April 6, 2018 12:42 PM2018-04-06T12:42:26+5:302018-04-06T12:42:26+5:30

शास्त्रों के अनुसार शंख को कभी भी पूजा घर में नहीं रखना चाहिए बल्कि पूजा स्थल के पास तिपाए पर रखना चाहिए।

Why we blow shankh after puja, know its health benefits | पूजा-पाठ के दौरान क्यों बजाया जाता है शंख, इन बीमारियों से मिलती है मुक्ति

पूजा-पाठ के दौरान क्यों बजाया जाता है शंख, इन बीमारियों से मिलती है मुक्ति

अक्सर आपने देखा होगा कि मंदिरों में या घर पर भी पूजा-पाठ के बाद शंख बजाकर पूजा को सम्पूर्ण किया जाता है। कभी कभार पूजा-पाठ के बीच में या अंत में शंखनाद का अह्वान किया जाता है। इतना ही नहीं, आपने हिंदू ग्रंथों में पढ़ा या हिन्दू इतिहास को दर्शाती फिल्मों में देखा होगा कि युद्ध आरंभ से पहले भी शंख बजाया जाता था। लेकिन क्या कभी आपने ऐसा करने के पीछे के कारण को जाना है? क्या जानते हैं कि शंख बजाने का महत्व क्या है?

क्यों महत्वपूर्ण है शंख

धार्मिक कार्यों के दौरान शंख की ध्वनि उत्पन्न करना हिंदू धर्म की एक बड़ी और महत्वपूर्ण विशेषता है। सदियों से प्रचलित इस धार्मिक विधि को पूजा-पाठ और रीति-रिवाजों के दौरान निश्चित रूप से अपनाया जाता है। इतना ही नहीं यह धार्मिक दृष्टिकोण से भी लाभदायक होता है और यह हमारी सेहत को भी लाभ पहुंचता है। शंख की उत्पत्ति जल से मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान जल से निकले 14 रत्नों में शंख भी शामिल है। शंख ध्वनि को पुराणों में कल्याणकारी और विजयनाद बताया गया है।

शंख बजाने और रखने से पहले जान लें ये बातें

विभिन्न धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शंख को पूजाघर में नहीं रखना चाहिए बल्कि पूजाघर स्थल के पास तिपाए पर रखना चाहिए। पूजा के समय शंख को अंदर-बाहर से पीले रंग के कपड़े से साफ करना चाहिए।  पूजा के समय शंख का भी तिलक करना चाहिए और पुष्प चढ़ाने चाहिए।  शंख पर कभी भी अक्षत नहीं चढ़ाए जाते। पूजा करते वक्त शंख को इस तरह रखें कि उसका मुख आपकी तरफ होना चाहिए। पूजा के बाद शंख को साफ करके ही रखना चाहिए।

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शंख बजाने से होते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

शंख में गंधक, फास्फोरस और कैल्शियम होते हैं। इसमें रखा हुआ जल रोगाणु रहित हो जाता है। इस जल का सेवन स्वास्थ्य बढ़ाता है। शंख बजाने से बोलने संबंधी दिक्कतें जैसे अशुद्ध उच्चारण और हकलाने की समस्या दूर होती है।शंख बजाने के दौरान कुंभक प्राणायाम की प्रक्रिया होती है, जो हमारे तंत्रिकातंत्र को ऐक्टिव करती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख के प्रभाव से सूर्य की हानिकारक किरणें बाधित होती हैं। इसलिए सुबह-शाम पूजा में शंख बजाने का विशेष महत्व है। 

Web Title: Why we blow shankh after puja, know its health benefits

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