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दुनिया भर में मनायी जा रही है ईद मिलादुन्नबी, जानिए क्या है इसे मनाने का कारण

By मेघना वर्मा | Updated: November 21, 2018 09:09 IST

Eid Milad-Un-Nabi: हजरत मुहम्मद को इस्लाम का आखिरी नबी बताया जाता है। मुस्लिम समुदाय ये मानता है कि पैंगबर के बाद अब धरती पर कोई नबी नहीं आएगा।

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देश समेत आज पूरी दुनिया में ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जा रहा है। मुस्लिम समुदाय में इस पर्व को बेहद पाक माना जाता है। 570 ईसवी में पैगबंर हजरत मुहम्मद का जन्म मक्का में हुआ था। इस्लामी कैलेंडर हिजरी के अनुसार 12 रबी-उल-अव्वल को हजरत पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था। हजरत मुहम्मद के जन्म की याद में हर साल मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। 

इस साल यह पर्व 21 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन लोग अपनों संग मिलकर लोग खुशियां मनाते हैं। देश और दुनिया में लोग बड़ी तादाद में इकट्ठा होकर जुलूस निकालते हैं। इस जुलूस में बच्चे और बड़े के साथ बुजुर्ग शामिल होते हैं इसके बाद नात शरफ यानी पैगंबर मुहम्मद की तारीफ में पढ़ा जाने वाला कलाम पढ़ते हैं। 

इस दिन को पैगंबर की दी हुई शिक्षाओं के बारे में भी लोगों को बताया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों, मस्जिद और सजाते हैं। साथ ही इस दिन जरूरत मंद लोगों की मदद भी की जाती है। पूरे दुनिया में इस दिन की तैयारी कई दिनों पहले से शुरू हो जाती है। इस दिन घर में अलग-अलग तरह के पकवान भी बनाएं जाते हैं। जिसे लोग अपने परिवार के साथ मिल-बांट कर खाते हैं। 

हजरत मुहम्मद को इस्लाम का आखिरी नबी बताया जाता है। मुस्लिम समुदाय ये मानता है कि पैंगबर के बाद अब धरती पर कोई नबी नहीं आएगा। मिलादुन्नबी के इस मौके पर लोग धार्मिक संदेशों को फैलाया जाता है। मगर बताया ये जाता है कि पैंगबर के इन संदेशों को उस वक्त किसी ने पसंद नहीं किया था और सभी उन्हें परेशान करने लगे थे। 

इसी के बाद पैंगबर ने अपने अनुयायियों के साथ मक्का छोड़ने का फैसला किया। मान्यता है कि पैगंबर मुहम्मद ने 622 ईसवी में मदीना के लिए कूच किया। यहीं से इस्लामी कैलेंडर हिजरी की शुरूआत हुई। 

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