लाइव न्यूज़ :

मृत्यु के बाद 1 घंटे तक शरीर में होती हैं ये 7 चीजें, आत्मा को होता है अजब-गजब अनुभव

By मेघना वर्मा | Updated: May 18, 2020 09:47 IST

हिन्दू पुराणों के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या-क्या होता है। इस बात का उल्लेख पुराणों में मिलता है।

Open in App
ठळक मुद्देदुनिया के इस माया जाल में फंसी आत्मा को शरीर छोड़ने में दुख होता है। मृत शरीर से अलग होकर आत्मा को पीड़ा होती है।

जीवन के बाद मृ्त्यु का आना एक शाश्वत सत्य है। मृत्यु को टाला नहीं जा सकता। जो इस धरती पर आया है उसे अपने शरीर को त्यागना जरूर पड़ता है। हिन्दू धर्म की मानें तो शरीर में मौजूद ऊर्जा, जिसे हम आत्मा कहते हैं वो कभी मरती नहीं। मृत्यु के कुछ समय तक आत्मा को अजब-गजब अनुभव से गुजरना पड़ता है। 

आइए आज आपको बताते हैं हिन्दू पुराणों के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा के साथ क्या-क्या होता है। इस बात का उल्लेख पुराणों में मिलता है। सिर्फ यही नहीं बहुत सारी लोक कथाओं के माध्यम से भी इस चीज को बताया जाता है। मृत्यु के कुछ समय तक आत्मा को भी कई अनुभवों से गुजरना पड़ता है। ये अनुभव आत्मा के लिए भी दुखद और कष्टकारी होता है। 

1. होती है अचेत अवस्था

आत्मा जिस समय शरीर से निकलती है तो थोड़ी देर अचेत अवस्था में रहती है। जिस तरह बहुत परिश्रम करने के बाद थका हुआ मनुष्य गहरी नींद में होता है। मगर कुछ समय बाद ही वो सचेत हो जाती है। 

2. लगता है सब कुछ समान्य

जब व्यक्ति के शरीर से उसकी आत्मा निकलती है तो उसे कुछ समय तक पता ही नहीं चलता कि वो शरीर से अलग हो गई है। उसी तरह आत्मा शरीर के बाहर आकर व्यवहार करती है जैसे वो शरीर के अंदर करती है। 

3. नहीं सुनता कोई पुकार

बताया जाता है कि शरीर से बाहर निकलकर जब आत्मा अपने सगे-संबंधियों को पुकारती है तो उसकी आवाज कोई नहीं सुनता। आत्मा को अब बेचैनी और छटपटाहट होने लगती है। आत्मा परेशान होकर हर बार कुछ कहना चाहती है मगर किसी को वो ध्वनि सुनाई नहीं देती।

4. सांसारिक माया का आवरण

दुनिया के इस माया जाल में फंसी आत्मा को शरीर छोड़ने में दुख होता है। कभी वो अपने सगे-संबंधियों से बात करने की कोशिश करती है। मगर उसके सारे प्रयास विफल होते हैं। 

5. करती हैं प्रवेश का प्रयास

लोककथाओं की मानें तो आत्मा फिर से शरीर में आने का प्रयास जरूर करती है मगर यम के दूत उसे शरीर में प्रवेश नहीं करने देते। धीरे-धीरे व्यक्ति की आत्मा स्वीकार लेती है कि अब जाने का वक्त आ गया है। 

6. कर्मों को याद करके होता है दुख

मृत शरीर से अलग होकर आत्मा को पीड़ा होती है। खासकर अपने प्रिय जनों को रोता बिलखता देखकर। इसके बाद लाचार आत्मा अपने बुरे कर्मों को याद करके दुखी होता है। इसके बाद वो यममार्ग की ओर चलते हैं। 

7. कर्म आधारित करता है नया जन्म

मृत्युलोक में पहुंचने के बाद इंसान को कर्म के अनुसार न्याय दिया जाता है। वो एक ऐसी जगह पर पहुंचते हैं जहां ना सूर्य होता है ना चांद। कुछ आत्माएं जल्दी शरीर धारण कर लेती हैं तो कुछ लंबे समय तक विश्राम के बाद अपनी इच्छा के अनुसार नया शरीर धारण करती हैं। 

टॅग्स :पूजा पाठ
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठDiwali Puja Time Today: दिवाली पूजा का समय और शुभ मुहूर्त कब है?, 20 अक्टूबर गणेश-लक्ष्मी पूजा...

पूजा पाठHappy Diwali 2025 Wishes: दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं, मैसेज, फोटो, स्टेटस...

भारतGanesh Chaturthi 2025: मूर्ति विसर्जन को लेकर सुविधा, मोबाइल ऐप से सभी जानकारी, ऐसे करें डाउनलोड, ठाणे नगर निगम ने जारी किया

भारतMadras High Court: कोई भी जाति मंदिर के स्वामित्व का दावा नहीं कर सकती?, मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा- पूजा और प्रबंधन सभी भक्त करें

पूजा पाठChhath Puja 2024 LIVE: छठ के तीसरे दिन 'संध्या अर्घ्य' का महत्व क्या है?, सूर्यास्त के समय नदी किनारे...

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठPanchang 04 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय