Vastu Tips: घर में 'ईशान कोण' का क्या है महत्व, इसे क्यों कहा जाता है 'देवताओं' का स्थान, जानिए इसके वैज्ञानिक महत्व के बारे में
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 11, 2024 11:42 AM2024-02-11T11:42:26+5:302024-02-11T11:54:41+5:30
सनातन मान्यता के अनुसार मकान के अंदर पूजा का शुभ स्थान ईशान कोण में होना चाहिए। ईशान कोण में पूजा स्थान होने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है क्योंकि इसका सीधा संबंध सूर्य से है।
Vastu Tips: हिंदू संस्कार में नियमित पूजा-पाठ करने का विधान है। पूजन से मन और देह दोनों एकाग्रचित्त होते हैं। इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और मानव के मस्तिष्क में दिमाग में लगातार उत्तम विचारों का प्रवाह होता है।
वैसे देखें तो मानव के मस्तिष्क में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के विचार आते हैं। उन्हीं विचारों में मानव खुद के लिए किस विचार को स्वीकार करता है। क्या आप जानते हैं हमारे विचारों का दिशाओं के साथ बेहद खास रिश्ता है। जी हां, यह बहुत ही दिलचस्प है कि हमारे जीवन में दिशाओं का बहुत बड़ा महत्व है।
दरअसल हमारे वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि मनुष्य के मन में शुभ विचार आने के लिए दिशा का ज्ञान और अनुसार घर का निर्माण बेहद आवश्यक है। वास्तु शास्त्र में प्रत्येक कार्य करने के लिए एक स्थान निश्चित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि मकान के अंदर पूजा का शुभ स्थान ईशान कोण में होना चाहिए। ईशान कोण में वास्तु पुरुष का सिर स्थित है इस कारण इस स्थान पर मानसिक कार्य करने की ऊर्जा प्राप्त होती है।
ईशान कोण जैसा कि हम सब जानते हैं कि पूर्वोत्तर दिशा से प्राप्त होने वाली ऊर्जा का स्त्रोत है। इस कोण के अधिपति देवता स्वयं महादेव का स्थान होता है। महादेव मनुष्य को हमेशा किसी भी परिस्थिति में समरूप रहने की ताकत देते हैं। मनुष्य के जीवन में हर समय लाभ हानि, जय पराजय, सुख दुख आते रहते हैं लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार जीवन की चुनौतियों कम हो सकती हैं अगर घर के ईशान कोण में देवता का वास हो।
हमारे जीवन में ईशान कोण का महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी है। असल में भवन का ईशान कोण वह स्थान होता है, जहां प्रातः कालीन सूर्य की किरणें पड़ती हैं। विज्ञान कहता है कि सूर्य की प्रातःकाल किरणों में इतनी शक्ति होती है कि वे ईशान कोण को कीटाणु मुक्त करके पवित्र बनाती है।
इस कारण से पवित्र स्थान पर पूजन-हवन होने से ब्रह्मांड में संचालित ऊर्जाओं का सकारात्म प्रभाव पूरे घर पर पड़ता है। जिससे मनुष्य के मस्तिष्क में ऊर्जा एवं शक्ति का संचार होता है। ईशान कोण में जब पूजा घर बनता है तो प्रातः कालीन सूर्य की किरणें अपना प्रभाव छोड़ती है इसीलिए ईशान कोण को खाली रखा जाता है।
ईशान कोण में पूजन से मनुष्य के शरीर को विटामिन मिलता हैं तो इस प्रकार देखा जाए तो ईशान कोण न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक महत्व भी रखता है। इस कोण से प्राप्त होने वाली ऊर्जा के सकारात्मक प्रभाव के कारण वास्तु शास्त्र में इस क्षेत्र को पूजा घर बनाने के लिए चिन्हित किया गया है।
इसलिए ईशान कोण में किसी भी प्रकार की गंदगी नहीं होनी चाहिए और कोई भी भारी सामान नहीं रखना चाहिए। अगर घर के मंडप को देखते हुए ईशान कोण में पूजा स्थान बनाया जाए तो उसके प्राप्त होने वाले लाभों से जीवन को सुख और समृद्धि मिलती है।