हिंदू देवी-देवताओं पर अश्लील टिप्पणी का मामला गरमाया, जानें महंत नरेंद्र गिरी ने क्या कहा
By गुणातीत ओझा | Published: August 27, 2020 09:48 PM2020-08-27T21:48:19+5:302020-08-27T21:48:19+5:30
देश में 13 अखाड़ों के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हिंदू देवी देवताओं पर यहां की एक मुस्लिम महिला द्वारा अश्लील टिप्पणी किए जाने की घटना पर बृहस्पतिवार को नाराजगी जाहिर की।
प्रयागराज। देश में 13 अखाड़ों के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने हिंदू देवी देवताओं पर यहां की एक मुस्लिम महिला द्वारा अश्लील टिप्पणी किए जाने की घटना पर बृहस्पतिवार को नाराजगी जाहिर की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने यहां कहा कि प्रयागराज की मुस्लिम महिला ने हिंदू देवी देवताओं के लिए जिन अपशब्दों का प्रयोग किया है, वह असहनीय है।
उन्होंने कहा, “हम एक बार पुनः दोहराते हैं कि मुसलमान अल्पसंख्यक नहीं हैं और वे बहुसंख्यक हो गए हैं।” मीडिया को जारी किये गए एक वीडियो में उन्होंने कहा, “इस समस्या का एक ही समाधान है और वह है समान नागरिक संहिता। इसके लागू होने से मुसलमान तीन-तीन शादियां नहीं कर सकेंगे और अपनी जनसंख्या नहीं बढ़ा सकेंगे।” सोशल मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने की आरोपी महिला सना उर्फ हीर को खुल्दाबाद थाने की पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया था।
अखाड़ा परिषद ने पालघर घटना की थी कड़ी निंदा
बताते चलें कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना की भी कड़ी निंदा की खी। साथ ही, सभी 13 अखाड़ों के साधु-संतों से अनुरोध किया था कि लॉकडाउन के दौरान यदि कोई संत- महात्मा ब्रह्मलीन होता है तो उसकी समाधि में न जाएं। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि ये संत महात्मा, एक संत की समाधि में शामिल होने जा रहे थे और उन्हें जाना भी चाहिए, लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि लॉकडाउन में इसके लिए उन्हें प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी। उल्लेखनीय है कि भीड़ ने चोर होने के संदेह में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। मृतकों में जूना अखाड़ा के दो संत भी शामिल थे। गिरि ने कहा था कि पुलिस के सामने इस तरह से संतों को घेर कर लाठी डंडे से मारा जाना एक गंभीर मामला है और इस बात की जांच होनी चाहिए कि कहीं कोरोना वायरस महामारी के बहाने साधु संतों को निशाना तो नहीं बनाया जा रहा।