Surya Grahan 2025: साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च शनि अमावस्या के दिन (चैत्र अमावस्या तिथि) को लगेगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, और इसलिए, इसका सूतक काल (ग्रहण से पहले का अशुभ काल) मान्य नहीं माना जाएगा। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। इस दौरान सूर्य, राहु, शुक्र, बुध और चंद्रमा सभी मीन राशि में स्थित होंगे, जो इस ग्रहण के प्रभाव को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है और इसे नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। आइए जानते हैं इस ग्रहण से जुड़ी हर एक छोटी से छोटी जानकारी।
कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण?
यह दोपहर 2:21 बजे शुरू होगा और शाम 6:14 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण मीन राशि और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होगा। इस दिन सूर्य, राहु, शुक्र, बुध और चंद्रमा सभी मीन राशि में मौजूद होंगे।
पहला सूर्य ग्रहण, जानें दृश्यता
2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में होने वाला है, जो ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण का सूतक काल
सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। चूंकि सूतक काल को अशुभ माना जाता है इसलिए पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और शुभ कार्य जैसे कार्यों से परहेज किया जाता है। इस दौरान मंदिर बंद रहते हैं और खाना पकाने या खाने से भी परहेज किया जाता है।
सूर्य ग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे हमारे ग्रह पर छाया पड़ती है। यह संरेखण केवल अमावस्या के चरण के दौरान होता है, जो इसे आकाश-दर्शकों के लिए एक आकर्षक घटना बनाता है।