Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण में सूतक काल और इसके बाद क्या करें, क्या नहीं करें, यहां देखिए पूरी लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2019 14:14 IST2019-12-25T14:14:19+5:302019-12-25T14:14:19+5:30
Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण की हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है। ग्रहण के दौरान कई ऐसे कार्य हैं जिनको करने की मनाही होती है। साथ ही सूतक काल भी अहम हो जाता है।

Solar Eclipse: सूर्य ग्रहण और सूतक काल में क्या करें और क्या नहीं करें?
Solar Eclipse:सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को है। आम तौर पर किसी भी चंद्र ग्रहण से दो हफ्ते पहले लगने वाला सूर्य ग्रहण धार्मिक लिहाज से भी बेहद अहम माना जाता है। खासकर हिंदू धर्म में ग्रहण को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। किसी भी ग्रहण में सूतक को लकर सबसे ज्यादा बातें होती हैं। मान्यता है कि ग्रहण और सूतक में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
इस दौरान मंदिर के पट भी बंद कर दिए जाते हैं और भगवान की मूर्ति को भी छूने की मनाही होती है। इसके अलावा भी कई ऐसे काम हैं, जिसे करने या नहीं करने की बात कही गई है। हालांकि, विज्ञान इन बातों को नहीं मानता है। विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय केवल एक काम से परहेज करना चाहिए। इसके मुताबिक सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से बचना चाहिए। इसके अलावा सभी कार्य किये जा सकते हैं।
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Solar Eclipse: सूतक काल में और ग्रहण के दौरान क्या नहीं करें और क्या करें...
1. मान्यताओं के अनुसार जिनकी कुंडली में दोष हो या खासकर जिनकी राशि में राहु-केतु का प्रभाव ज्यादा हो, उन्हें ग्रहण के दौरान बाहर नहीं जाना चाहिए। इससे हानि की आशंका बनी रहती है।
2. ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध भी नहीं बनाना चाहिए। ऐसा करने से घर की सुख-शांति बर्बाद हो सकती है।
3. सूतक काल शुरू होने के बाद सभी शुभ कार्य बंद कर दिये जाने चाहिए। भगवान की मूर्ति को भी ढक दें। हालांकि, आप भगवान का ध्यान कर सकते हैं। मंदिर के दरवाजे भी इस दौरान बंद करने चाहिए। दूसरे धार्मिक कार्य भी सूतक काल में वर्जित हैं।
4. सूतक काल और ग्रहण के समय तुलसी के पत्तों को तोड़ना या काटना अशुभ माना जाता है। खाने-पीने की चीजों में इसे डालने के लिए पहले ही तोड़कर रख लें।
5. ग्रहण के समय तेल मालिश वगैरह नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से त्वचा संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
6. सूर्य ग्रहण के दौरान खाने-पीने की मनाही होती है। बीमार या बच्चों, बुजूर्गों या फिर गर्भवती स्त्री को जरूरत पड़ने पर हालांकि भोजन दिया जा सकता है। इस दौरान मांस-मदिरा का सेवन भी अच्छा नहीं माना जाता है।
7. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष ध्यान रखना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
8. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान काटने-छांटने वाले काम भी नहीं करने चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे बच्चे के विकास पर असर पड़ता है। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान सोना भी नहीं चाहिए।
9. ग्रहण खत्म होने के बाद मंदिर और घरों की सफाई जरूर करें। साथ ही भगवान के वस्त्र आदि की भी सफाई कर दें।
10. मान्यता है गर्भवती स्त्रियों को भी ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से शिशु को त्वचा संबंधी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।