लाइव न्यूज़ :

Krishna Janmashtami 2021: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर दुर्लभ संयोग, 30 अगस्त को महोत्सव, जानें पूजन का मुहूर्त

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 25, 2021 11:43 IST

Krishna Janmashtami: भगवान कृष्ण का जन्म रात को 12 बजे हुआ था, इसलिए भगवान के भक्त भी इस दिन रात 12 बजे उनका जन्म कराते हैं और व्रत रखकर भगवान का आशीष लेते हैं.

Open in App
ठळक मुद्देपर्व 30 अगस्त (सोमवार) को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा.भगवान को भोग लगाते हुए अपना व्रत खोलने की परंपरा निभाएंगे. इस बार जन्माष्टमी पर अद्भुत संयोग बनने जा रहा है.

Krishna Janmashtami: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी होती है. इस दिन ​भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.

जन्माष्टमी को सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि तमाम देशों में भी एक उत्सव की ​तरह से मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण के भक्त पूरे साल इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस साल ये पर्व 30 अगस्त (सोमवार) को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा.

इस दिन भक्त व्रत करते हुए, रातभर भगवान की आराधना करेंगे और फिर पारण मुहूर्त के अनुसार, भगवान को भोग लगाते हुए अपना व्रत खोलने की परंपरा निभाएंगे. हिन्दू शास्त्रों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के व्रत को ‘व्रतराज’ की उपाधि दी गई है, जिसके अनुसार माना गया है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को साल भर के व्रतों से भी अधिक शुभ फल प्राप्त होते हैं.

भगवान कृष्ण का जन्म रात को 12 बजे हुआ था, इसलिए भगवान के भक्त भी इस दिन रात 12 बजे उनका जन्म कराते हैं और व्रत रखकर भगवान का आशीष लेते हैं. ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की जन्माष्टमी बहुत खास होने वाली है क्योंकि इस बार जन्माष्टमी पर अद्भुत संयोग बनने जा रहा है.

जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त

अष्‍टमी तिथि प्रारंभ: 29 अगस्त 2021 रात 11:25 से

अष्‍टमी तिथि समाप्‍त: 31 अगस्त को सुबह 01:59 तक

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 30 अगस्त को सुबह 06 बजकर 39 मिनट

रोहिणी नक्षत्र समाप्‍त: 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर

अभिजीत मुहूर्त: 30 अगस्त सुबह 11:56 से लेकर रात 12:47 तक

जन्माष्टमी तिथि का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु जी ने धर्म की स्थापना के लिए श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लिया था. इस दिन व्रत धारण कर श्रीकृष्ण का स्मरण करना अत्यंत फलदाई होता है. शास्त्रों में जन्माष्ठमी के व्रत को व्रतराज कहा गया है.

भविष्य पुराण में इस व्रत के सन्दर्भ में उल्लेख है कि जिस घर में यह देवकी-व्रत किया जाता है वहां अकाल मृत्यु, गर्भपात, वैधव्य, दुर्भाग्य और कलह नहीं होती. जो एक बार भी इस व्रत को करता है वह संसार के सभी सुखों को भोगकर विष्णुलोक में निवास करता है.

ऐसे करें पूजन

सुबह स्नान करके भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प करें. इसके बाद दिन भर श्रद्धानुसार व्रत रखें. आप चाहें तो व्रत निर्जल रहें या फलाहार लेकर रहें, अपनी क्षमतानुसार निर्णय लें. कान्हा के लिए भोग और प्रसाद आदि बनाएं. शाम को श्रीकृष्ण भगवान का भजन कीर्तन करें.

रात में 12 बजे नार वाले खीरे में लड्डू गोपाल को बैठाकर कन्हैया का जन्म कराएं. नार वाले खीरे का तात्पर्य माता देवकी के गर्भ से लिया जाता है. इसके बाद भगवान को दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराएं. सुंदर वस्त्र, मुकुट, माला, पहनाकर पालने में बैठाएं.

फिर धूप, दीप, आदि जलाकर कर पीला चंदन, अक्षत, पुष्प, तुलसी, मिष्ठान, मेवा, पंजीरी, पंचामृत आदि का भोग लगाएं. कृष्ण मंत्र का जाप करें, श्रद्धापूर्वक आरती करें. इसके बाद प्रसाद बांटें और खुद भी प्रसाद खाकर अपना व्रत खोलें.

टॅग्स :जन्माष्टमीमथुरादिल्लीभगवान कृष्णहिंदू त्योहार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टDelhi: जाफराबाद में सड़क पर झड़प, गोलीबारी के बाद 3 गिरफ्तार

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय