श्राद्ध अमावस्या विशेष: इन 5 बातों का रखें विशेष ख्याल, इस पितृपक्ष मिलेगी पितरों के दोष से मुक्ति
By गुलनीत कौर | Published: October 8, 2018 07:54 AM2018-10-08T07:54:32+5:302018-10-08T07:54:32+5:30
Shradh amavasya or sarvapitri amavasya 2018: श्राद्ध अमावस्या के दिन परिवार के किसी भी व्यक्ति को पान नहीं खाना चाहिए।
8 अक्टूबर, 2018 दिन सोमवार को पितृपक्ष का समापन हो रहा है। यह पितृ पक्ष की अमावस्या का दिन है जिसे 'सर्वपितृ अमावस्या' के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन महालया भी है जिसे बंगाली समुदाय में महत्वपूर्ण तिथि माना गया है। इसके बाद से ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होती है।
अधिकतर लोग श्राद्ध अमावस्या के दिन ही पितरों का तर्पण करते हैं। अमावस्या होने के कारण ही इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। लेकिन इसके महत्व को देखते हुए शास्त्रों में कुछ ऐसे नियम दर्ज हैं, जिनका यदि पालन ना किया जाए तो पितृगण नाराज हो सकते हैं।
आइए जानते हैं श्राद्ध अमावस्या के दिन क्या करें और क्या ना करें:
1. श्राद्ध अमावस्या के दिन परिवार के किसी भी व्यक्ति को पान नहीं खाना चाहिए। अपने तन या बालों में, कहीं भी तेल नहीं लगाना चाहिए
2. अमावस्या के दिन क्रोध करने से बचना चाहिए, ना ही किसिई से अपशब्द कहें
3. कुछ अनाजों को श्राद्ध पक्ष के दौरान अशुभ माना जाता है, जैसे कि - चना, मसूर, उड़द, सत्तू, मूली, काला जीरा, खीरा, बासे फल या अन्न, इत्यादि को पूरे श्राद्ध पक्ष और अमावस्या के दिन भी उपयोग में ना लाएं
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4. यदि श्राद्ध अमावस्या के दिन श्राद्ध करें तो बिना संकल्प के आगे ना बढ़ें। हाथ में अक्षत (चावल), फूल, तिल लेकर सबसे एफ्ले पितरों की शांति का संकल्प करें और फिर आगे की पूजा करें
5. यदि श्राद्ध अमावस्या का पूरा फल पाना चाहते हैं तो इसदिन ब्राह्मणों तथा गरीबों को भोजन कराएं। ऐसा करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है