Shardiya Navratri 2022: महाष्टमी पर कन्या पूजन होता है शुभ, जानें मुहूर्त, सामग्री और संपूर्ण विधि
By रुस्तम राणा | Published: September 30, 2022 02:16 PM2022-09-30T14:16:38+5:302022-09-30T14:16:38+5:30
Kanya Pujan 2022: महाष्टमी का दिन कन्याओं के पूजन के लिए सबसे शुभ होता है। ये नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होती हैं। परंतु ध्यान रहे, दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन करने का विधान है।
Shardiya Navratri Kanya Pujan 2022: शारदीय नवरात्रि पर्व का समापन कन्या पूजन के साथ किया जाता है। कन्या पूजन में नौ कन्याओं और एक कंजक को घर में बना अन्न और प्रसाद खिलाया जाता है और उन्हें भेंट स्वरूप कुछ पैसे और उपहार देकर विदा कियाजाता है। कोई महाष्टमी के दिन कन्या पूजन करता है तो कोई महा नवमी के दिन पूजता है। किंतु ऐसी मान्यता है कि महाष्टमी का दिन कन्याओं के पूजन के लिए सबसे शुभ होता है। ये नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होती हैं। परंतु ध्यान रहे, दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन करने का विधान है।
महाष्टमी तिथि कब है ?
अष्टमी तिथि 02 अक्टूबर को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी, जो कि 03 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट तक रहेगी।
महाष्टमी के पूजन मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 27 मिनट से दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06 बजकर 13 मिनट से शाम 06 बजकर 37 मिनट तक।
अमृत काल- शाम 07 बजकर 54 मिनट से रात 09 बजकर 25 मिनट तक।
कन्या पूजन से पहले करें ये सामग्री एकत्र
स्वच्छ जल, साफ कपड़ा, कलावा, चावल, फूल, चुनरी, फल, मिठाई, भोजन सामग्री, हलवा पूड़ी और चना का प्रसाद, उपहार, आरती की थाल
कन्या पूजन की संपूर्ण विधि
1. महाष्टमी के दिन स्नानआदि करके भगवान गणेश और महागौरी की पूजा करें।
2. कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं को और एक कंजक को आमंत्रित करें।
3. इसके बाद सभी कन्याओं का स्वच्छ जल से हाथ-पैर धुलाएं और साफ कपड़े से पोछें।
4. उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।
5. इसके बाद कन्याओं के हाथ में मौली या कलावा बाधें।
6. एक थाली में घी का दीपक जलाएं और सभी कन्याओं की आरती उतारें।
7. आरती करने के बाद सभी कन्याओं को भोग लगाएं और खाने में पूड़ी, चना और हलवा जरूर खिलाएं।
8. भोजन के बात अपनी सामर्थ अनुसार उन्हें भेंट दें।
9. आखिरी में कन्याओं का पैर छूकर उनसे आशीर्वाद जरूर लें और उन्हें विदा करें।